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बिहार में सत्ताधारी दल जदयू के लिए वर्ष 2024–25 रहा फायदेमंद, मिला 18.69 करोड़ रुपये का चंदा, एक वर्ष में हो गई पार्टी की फंडिंग में लगभग 932 प्रतिशत की वृद्धि

By एस पी सिन्हा | Updated: December 22, 2025 21:02 IST

इस तरह महज एक वर्ष में पार्टी की फंडिंग में लगभग 932 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। इस फंडिंग बूम के पीछे सबसे बड़ी भूमिका इलेक्टोरल ट्रस्ट की रही है। जदयू को मिले कुल 18.69 करोड़ रुपये में से बड़ा हिस्सा कुछ चुनिंदा इलेक्टोरल ट्रस्ट से आया है। 

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पटना:बिहार की सत्ताधारी पार्टी जदयू की आय में बीते एक साल के भीतर जबरदस्त उछाल देखने को मिला है। रिपोर्ट के अनुसार, जहां वित्तीय वर्ष 2023–24 में जदयू को कुल करीब 1.81 करोड़ रुपये का चंदा मिला था, वहीं 2024–25 में यह आंकड़ा बढ़कर 18.69 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। इस तरह महज एक वर्ष में पार्टी की फंडिंग में लगभग 932 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। इस फंडिंग बूम के पीछे सबसे बड़ी भूमिका इलेक्टोरल ट्रस्ट की रही है। जदयू को मिले कुल 18.69 करोड़ रुपये में से बड़ा हिस्सा कुछ चुनिंदा इलेक्टोरल ट्रस्ट से आया है। 

रिपोर्ट के मुताबिक, पार्टी को प्रोग्रेसिव इलेक्टोरल ट्रस्ट से 10 करोड़ रुपये का चंदा मिला है। इसके अलावा प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट ने 5 करोड़ रुपये और समाज इलेक्टोरल ट्रस्ट एसोसिएशन ने 2 करोड़ रुपये का योगदान दिया है। कुल मिलाकर देखा जाए तो इलेक्टोरल ट्रस्ट के जरिए ही जदयू को 17 करोड़ रुपये से अधिक की राशि प्राप्त हुई है, जो कुल चंदे का सबसे बड़ा हिस्सा है। 

पार्टी को मिले चंदे में निजी कंपनियों की भूमिका भी कम नहीं रही। जदयू को स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर की कई कंपनियों से लाखों रुपये का दान मिला है। इनमें उर्मिला इंटरनेशनल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड ने 10 लाख रुपये, सोना बिस्किट्स लिमिटेड ने 10 लाख रुपये, नटराज आयरन एंड इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड ने 5 लाख रुपये और कोलकाता स्थित अनमोल इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने 15 लाख रुपये का योगदान दिया है। 

इन कंपनियों से ही जदयू को कुल 40 लाख रुपये से अधिक की राशि मिली है। व्यक्तिगत दानदाताओं की बात करें तो इस साल पार्टी को कई उद्योगपतियों और व्यवसायियों से भी अच्छी-खासी मदद मिली है। पटना के व्यवसायी संजय कुमार सिन्हा ने पार्टी को 4.5 लाख रुपये का चंदा दिया है, जबकि बेंगलुरु स्थित प्रेस्टीज आइवी टेरेस से जुड़े आकाश अग्रवाल ने 10 लाख रुपये का योगदान किया है। 

इसके अलावा देश के अलग-अलग हिस्सों से जुड़े अन्य दानदाताओं ने भी लाखों रुपये जदयू के पार्टी फंड में जमा कराए हैं। बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने पार्टी को 1.25 लाख रुपये का चंदा दिया है। वहीं राज्यसभा के उपसभापति और जदयू के वरिष्ठ नेता हरिवंश नारायण सिंह ने 3.74 लाख रुपये का योगदान किया है। इस तरह हरिवंश का व्यक्तिगत चंदा नीतीश कुमार के योगदान से लगभग तीन गुना अधिक रहा, जिसे लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चाएं तेज हैं। 

पार्टी के अन्य नेताओं और जनप्रतिनिधियों ने भी तयशुदा राशि के अनुसार पार्टी फंड में योगदान दिया है। विधायक मनोरमा देवी ने 1.01 लाख रुपये का चंदा दिया है। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री और सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, दिनेश चंद्र यादव, गिरधारी यादव, रामनाथ ठाकुर, कौशलेंद्र कुमार, दिलेश्वर कामत, रामप्रीत मंडल, आलोक कुमार सुमन, अजय कुमार मंडल और खिरू महतो ने 72-72 हजार रुपये का योगदान किया है। 

वहीं जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा, विजय लक्ष्मी देवी, लवली आनंद और देवेश चंद्र ठाकुर ने 54-54 हजार रुपये पार्टी को दिए हैं। सियासत के जानकारों का मानना है कि चुनावी वर्ष के नजदीक आते ही राजनीतिक दलों की फंडिंग में इस तरह की बढ़ोतरी आम तौर पर देखने को मिलती है। जदयू की फंडिंग में आई यह भारी बढ़ोतरी पार्टी को संगठन मजबूत करने, प्रचार-प्रसार और चुनावी रणनीति को धार देने में मदद करेगा।

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