बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के वॉट्सऐप वीडियो कॉल से स्कूलों की खुल रही पोल, न शिक्षक न बेंच, न हो रही पढ़ाई

By एस पी सिन्हा | Updated: December 14, 2024 16:36 IST2024-12-14T16:36:37+5:302024-12-14T16:36:46+5:30

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने स्वयं इस प्रक्रिया को अमल में लाते हुए कई स्कूलों का निरीक्षण किया। शनिवार को मधुबनी के एक स्कूल की स्थिति ने अधिकारियों को चौंका दिया। 

The WhatsApp video call of the Additional Chief Secretary of the Education Department in Bihar is exposing the condition of schools | बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के वॉट्सऐप वीडियो कॉल से स्कूलों की खुल रही पोल, न शिक्षक न बेंच, न हो रही पढ़ाई

बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के वॉट्सऐप वीडियो कॉल से स्कूलों की खुल रही पोल, न शिक्षक न बेंच, न हो रही पढ़ाई

पटना: बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ के नए फरमान से सभी सरकारी स्कूलों के शिक्षकों में हड़कंप मच गया है। दरअसल, सरकारी स्कूलों की मॉनिटरिंग अब वॉट्सऐप वीडियो कॉल के जरिए की जा रही है। शिक्षा विभाग की माने तो ये पहल करने वाला बिहार देश का पहला राज्य है। अब वीडियो कॉल के माध्यम से स्कूलों की वास्तविक स्थिति की जांच की जा रही है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने स्वयं इस प्रक्रिया को अमल में लाते हुए कई स्कूलों का निरीक्षण किया। शनिवार को मधुबनी के एक स्कूल की स्थिति ने अधिकारियों को चौंका दिया। 

वीडियो कॉल के दौरान डॉ. एस. सिद्धार्थ ने पाया कि स्कूल में न तो पर्याप्त शिक्षक हैं, न ही बेंच-डेस्क। बच्चों को जमीन पर बैठकर पढ़ाई करनी पड़ रही है। उन्होंने क्लास में मौजूद टोला सेवक से स्कूल के हालात के बारे में पूछा तो पता चला कि 137 बच्चों के लिए केवल दो क्लासरूम है, लेकिन दोनों क्लासों में मात्र 37 बच्चे मौजूद थे। बाकी बच्चों की अनुपस्थिति पर जब सवाल किया गया तो कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला। एस सिद्धार्थ ने मुसहरी के टोला सेवक को कॉल किया और उसके बाद सवाल किया कि आप इस वक्त कहां हैं? तो टोला सेवक ने जवाब दिया कि मैं तो सर इस वक्त स्कूल में ही हूं। 

उसके बाद उन्होंने कहा कि स्कूल का वीडियो दिखाइए कि वहां क्या हो रहा है? इसके जवाब में टोला सेवक ने उन्हें स्कूल का वीडियो दिखाया इस दौरान यह देखने को मिला कि बच्चे फर्श पर बोर बिछाकर बैठे हुए हैं, उनके बैठने के लिए बेंच और डेस्क की व्यवस्था नहीं है। इसे देखकर एस. सिद्धार्थ ने टोला सेवक से सवाल किया कि क्या यहां बेंच और डेस्क की व्यवस्था नहीं है? इसके बाद टोला सेवक ने कहा कि नहीं सर यहां हम लोगों को बेंच और डेस्क नहीं मिला है। फिर उन्होंने सवाल किया कि आपके यहां कितना क्लासरूम है? तो टोला सेवक ने जवाब दिया कि सर दो क्लासरूम है और दोनों की स्थिति ऐसी ही है। 

इसके बाद एस. सिद्धार्थ ने टोला सेवक से पूछा कि इस स्कूल में कितने शिक्षक हैं तो उन्हें जवाब मिला कि टोटल 6 शिक्षक हैं और मैं टोला सेवक हूं। इसके बाद उन्होंने कहा कि बाकी के शिक्षक कहां हैं, उनसे बात करवाएं तो उन्हें जवाब मिला कि बाकी के शिक्षक नहीं हैं। वह मोतिहारी गए हुए हैं। स्कूल में एक शिक्षक हैं और एक मैं हूं। उसके बाद एस.सिद्धार्थ ने कहा एक जो शिक्षक हैं उनसे बात करवाएं। इसके बाद पता चला कि सभी शिक्षक स्कूल छोड़कर बाजार में सब्जी लेने गए थे। 

मिड-डे मील की स्थिति जानने पर बताया गया कि खिचड़ी बनाई जाएगी। इन हालातों को देखकर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने तत्काल निरीक्षण के लिए अधिकारियों को भेजने का आदेश दिया और कड़ी कार्रवाई के संकेत दिए। डॉ. एस. सिद्धार्थ स्कूल की जानकारी लेते समय गुस्से में दिखे। शिक्षा विभाग की यह पहल व्यवस्था सुधारने का दावा कर रही है लेकिन सामने आ रही हकीकत सवाल खड़े कर रही है।

वहीं, शिक्षा की बात-हर शनिवार के एपिसोड-7 में आज शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ के सामने एक बच्ची ने सवाल किया, जिसे सुनकर एसीएस दंग रह गए। एक छात्रा अनिता कुमारी ने एक गंभीर सवाल पूछा। छात्रा ने एसीएस से कहा कि मेरे स्कूल में पढ़ाई नहीं होती है। जब भी मेरे स्कूल में चेकिंग वाले सर या मैम आती हैं, तो शिक्षक बोलते हैं की कॉपी-किताब निकाल लो, चेकिंग वाले आए हुए हैं। वे कुछ भी पूछें तो कह देना कि सब होता है। 

छात्रा के सवाल पर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने जवाब दिया कि यह तो गलत है। चेकिंग क्या है... रोज होनी चाहिए। शिक्षकों को रिस्पांसिबिलिटी होनी चाहिए, चेकिंग हो या नहीं हो कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए। सभी शिक्षकों को पढ़ना चाहिए, चेकिंग हो या नहीं हो, इससे क्या मतलब है ? सभी शिक्षकों को अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करना चाहिए।

Web Title: The WhatsApp video call of the Additional Chief Secretary of the Education Department in Bihar is exposing the condition of schools

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