पर्यटन स्थलों, बाजारों में बिना मास्क भारी भीड़ का नजर आना चिंता का विषय : प्रधानमंत्री

By भाषा | Published: July 13, 2021 09:20 PM2021-07-13T21:20:08+5:302021-07-13T21:20:08+5:30

The sight of huge crowds without masks in tourist places, markets is a matter of concern: Prime Minister | पर्यटन स्थलों, बाजारों में बिना मास्क भारी भीड़ का नजर आना चिंता का विषय : प्रधानमंत्री

पर्यटन स्थलों, बाजारों में बिना मास्क भारी भीड़ का नजर आना चिंता का विषय : प्रधानमंत्री

नयी दिल्ली, 13 जुलाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पर्वतीय पर्यटन स्थलों और बाजारों में बड़ी संख्या में बिना मास्क लगाए और सामाजिक दूरी का पालन नहीं करते हुए भीड़ के उमड़ने पर मंगलवार को चिंता जाहिर की तथा सभी से कोरोना वायरस की तीसरी लहर के प्रसार को रोकने के लिये कोविड नियमों का अनुपालन करने का अनुरोध किया।

प्रधानमंत्री ने लोगों से इस तर्क को छोड़ देने को कहा कि वे “कोरोना वायरस की तीसरी लहर से पहले आनंद लेना चाहते हैं।” उन्होंने जोर देते हुए कहा कि कोविड-19 प्रोटोकॉल के अनुपालन में कोई समझौता नहीं होना चाहिए।

मोदी ने पूर्वोत्तर के आठ राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये बातचीत के दौरान कहा, ‘‘यह सच है कि पर्यटन, व्यापार और कारोबार कोरोना वायरस (महामारी) से काफी प्रभावित हुआ है। लेकिन आज मैं बहुत जोर देते हुए कहूंगा कि पर्वतीय पर्यटन स्थलों, बाजारों में बगैर मास्क के और कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन किये बगैर भीड़ उमड़ना चिंता का विषय है तथा यह सही नहीं है।

उन्होंने टीकाकरण अभियान में लगातार तेजी लाने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा, “यदि हम सजग रहेंगे और सतर्कता बरतेंगे तो हम तीसरी लहर को रोक पाएंगे… इसमें कोई समझौता नहीं होना चाहिए।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर के कुछ जिलों में कोविड-19 की स्थिति चिंताजनक है और मुख्यमंत्रियों से सतर्क रहने तथा इसका और प्रसार रोकने के लिए तेजी से कदम उठाने को कहा।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी पूर्वोत्तर के राज्यों में पिछले कुछ दिनों में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ने पर चिंता जाहिर की और कहा कि क्षेत्र के सात राज्यों, असम, मेघालय, मिजोरम, अरूणाचल प्रदेश, मणिपुर, नगालैंड तथा त्रिपुरा में कोविड प्रबंधन में मदद के लिए केंद्रीय टीमों को तैनात किया गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सूक्ष्म स्तर पर वायरस का प्रसार रोकने के लिये सख्त कदम उठाने की जरूरत है। उन्होंने सूक्ष्म निषेध केंद्रों पर ज्यादा जोर दिए जाने का आह्वान किया।

बातचीत के दौरान मुख्यमंत्रियों ने टीका लगवाने से लोगों के हिचकने और इसका समाधान करने के लिए किये जा रहे उपायों पर भी चर्चा की।

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बताया कि उनकी सरकार राज्य के चाय बागान क्षेत्रों में टीकाकरण दर बढ़ाने की कोशिश कर रही है, जहां कोविड​​-19 मामलों में बढ़ोतरी हुई है। वहीं, अरूणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने राज्य को कोविड के टीके की आपूर्ति बढ़ाने की मांग की।

मुख्यमंत्रियों ने अपने-अपने राज्यों में संक्रमण दर और मामलों को घटाने के लिए समय पर कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया।

प्रधानमंत्री मोदी 16 जुलाई को तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, ओडिशा, महाराष्ट्र और केरल के मुख्यमंत्रियों के साथ इन राज्यों में कोविड-19 की स्थिति पर चर्चा करेंगे।

कोरोना वायरस के तेजी से स्वरूप बदलने की प्रकृति का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने सलाह दी कि इसमें आने वाले बदलावों की सख्त निगरानी रखी जाए और सभी स्वरूपों पर नजर रखी जाए। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञ लगातार इस बात का अध्ययन कर रहे हैं कि उत्परिवर्तन के बाद वायरस कितना परेशानी पैदा करने वाला हो सकता है, किंतु ऐसी बदलती परिस्थितियों में रोकथाम और उपचार बेहद महत्वपूर्ण हैं।

मोदी ने जोर दिया कि सामाजिक दूरी, मास्क और टीकों की उपयोगिता स्पष्ट है और परीक्षण, निगरानी व उपचार इससे निपटने की एक कारगर साबित हो चुकी रणनीति है।

मोदी ने कहा, “कई बार हम यह तर्क सुनते हैं और कई लोग तो सीना तान के बोलते हैं,‘अरे भाई तीसरी लहर आने से पहले हम एंज्वॉय (मजा) करना चाहते हैं’। यह बात लोगों को समझाना जरूरी है कि तीसरी लहर अपने आप नहीं आएगी।”

उन्होंने कहा, “यह सच है कि कोरोना के कारण पर्यटन और कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है। लेकिन मैं आज जोर देते हुए यह कहना चाहूंगा कि पर्वतीय पर्यटन स्थलों और बाजारों में बिना मास्क के भारी भीड़ का जुटना गंभीर चिंता का विषय है और यह सही नहीं है।”

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे दिमाग में मुख्य रूप से जो सवाल होना चाहिए वह यह कि तीसरी लहर को कैसे रोका जाए और कोविड संबंधी नियमों का सख्ती से पालन किया जाए।’’

मोदी ने कहा कि विशेषज्ञ बार-बार लापरवाही और भीड़ जुटने को लेकर चेतावनी दे रहे हैं क्योंकि इससे मामलों में काफी बढ़ोतरी हो सकती है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात की सख्त वकालत की कि जिन जगह भीड़-भाड़ को टाला जा सकता है वहां ऐसा जरूर किया जाना चाहिए।

इस डिजिटल बैठक में असम, नगालैंड, त्रिपुरा, सिक्किम, मणिपुर, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम के मुख्यमंत्रियों के साथ ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया और अन्य लोग शामिल हुए।

मुख्यमंत्रियों ने कोविड-19 महामारी को संभालने के लिए समय पर कार्रवाई के वास्ते प्रधानमंत्री का शुक्रिया अदा किया और पूर्वोत्तर राज्यों पर विशेष तवज्जो और चिंता को लेकर उनकी सराहना की।

अपनी टिप्पणी में प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के “सभी के लिये टीका-सभी के लिये मुफ्त” अभियान में पूर्वोत्तर को भी बराबर का महत्व दिया गया है और टीकाकरण प्रक्रिया में तेजी बनाए रखने की जरूरत पर बल दिया।

टीकाकरण को लेकर मिथक और लोगों को प्रेरित करने के लिये मोदी ने मुख्यमंत्रियों से सामाजिक, शैक्षणिक संस्थाओं, चर्चित हस्तियों और धार्मिक संगठनों को जोड़ने को कहा। उन्होंने उन इलाकों में टीकाकरण अभियान तेज करने का आह्वान किया जहां वायरस से प्रसार की आशंका ज्यादा है।

जांच और उपचार के लिये अवसंरचना में सुधार के उद्देश्य से मंत्रिमंडल द्वारा 23 हजार करोड़ रुपये के पैकेज को हाल में दी गई मंजूरी के संदर्भ में प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे पूर्वोत्तर में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार में मदद मिलेगी। इस पैकेज से पूर्वोत्तर में जांच, निदान और जीनोम अनुक्रमण में मदद मिलेगी।

मोदी ने पूर्वोत्तर में बिस्तरों की संख्या, ऑक्सीजन सुविधाएं और बच्चों के देखभाल के लिये आधारभूत सुविधाओं में तेजी से इजाफा करने की जरूरत पर जोर दिया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘पीएम-केयर्स’ कोष के जरिये देश में सैकड़ों ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित किए जा रहे हैं और पूर्वोत्तर को भी करीब 150 संयंत्र मिले हैं।

उन्होंने मुख्यमंत्रियों से इन संयंत्रों को स्थापित करने की प्रक्रिया तेजी से पूरी करने का अनुरोध किया। मोदी ने पूर्वोत्तर की भौगोलिक स्थिति के मद्देनजर अस्थायी अस्पताल स्थापित करने की जरूरत को भी रेखांकित किया।

मोदी ने कहा कि आज देश 20 लाख जांच प्रतिदिन की क्षमता तक पहुंच गया है और ऐसे में प्रभावित जिलों में जांच अवसंरचना को और मजबूत करने की आवश्यकता है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मामलों की दैनिक संख्या में कुल मिलाकर आई कमी का जिक्र किया लेकिन चेताया कि इन्हें देखकर किसी को भी लापरवाह नहीं बनना चाहिए और ऐहतियात बरतना कम नहीं किया जाना चाहिए।

प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने देश में कोविड-19 की स्थिति और कुछ पूर्वोत्तर राज्यों में उच्च संक्रमण दर को लेकर एक प्रस्तुति भी इस दौरान दी।

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