लाइव न्यूज़ :

तुष्टिकरण की राजनीति लंबे समय तक ‘‘तीन तलाक’’ की कुप्रथा जारी रहने की वजह रही: अमित शाह

By भाषा | Updated: August 19, 2019 05:13 IST

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि तुष्टिकरण की राजनीति इतने लंबे समय तक ‘‘तीन तलाक’’ की कुप्रथा चलते रहने की वजह रही। शाह ने तुष्टिकरण की राजनीति को विकास एवं सामाजिक समरसता के मार्ग में भी बाधक बताया।

Open in App
ठळक मुद्दे‘‘तीन तलाक’’ को अपराध की श्रेणी में डालने वाले कानून का बचाव करते हुए लैंगिक समानता स्थापित करने पर जोर दिया।पिछले महीने संसद ने तीन तलाक विधेयक को परित किया था।

नयी दिल्ली, 18 अगस्तः भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि तुष्टिकरण की राजनीति इतने लंबे समय तक ‘‘तीन तलाक’’ की कुप्रथा चलते रहने की वजह रही। शाह ने तुष्टिकरण की राजनीति को विकास एवं सामाजिक समरसता के मार्ग में भी बाधक बताया। उन्होंने ‘‘तीन तलाक’’ को अपराध की श्रेणी में डालने वाले कानून का बचाव करते हुए लैंगिक समानता स्थापित करने पर जोर दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘कुछ लोग भाजपा सरकार के खिलाफ आरोप लगाते हैं कि इस तरह का कार्य मुस्लिम विरोधी है। मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि यह सिर्फ और सिर्फ मुसलमानों को लाभान्वित करेगा, ना कि हिंदुओं, जैनियों या ईसाइयों को।’’

उन्होंने कहा कि यह करोड़ों मुसलमान महिलाओं के लिए एक दु:स्वप्न था, जिन्हें उनके अधिकारों से वंचित कर दिया गया था। शाह ने कहा कि 92.1 प्रतिशत मुसलमान महिलाओं ने तीन तलाक को अपराध की श्रेणी में डालने का समर्थन किया। भाजपा अध्यक्ष ने कांग्रेस पर करारा प्रहार करते हुए कहा कि पार्टी (कांग्रेस) को कोई शर्म नहीं थी और उसने तीन तलाक पर कानून का लगातार विरोध किया। उन्होंने कहा कि इस कुप्रथा को खत्म करने में कांग्रेस के चलते कई दशक लगे, जिसने हमेशा ही तुष्टिकरण की राजनीति का सहारा लिया।

उन्होंने शाहबानो मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले को पलट कर एक कानून लाने के तत्कालीन राजीव गांधी सरकार के फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि इसे संसद के इतिहास में काला दिन माना जाएगा। शाह ने कहा कि कोई भी कुप्रथा हो, जब उसे निर्मूल किया जाता है तो उसका विरोध नहीं होता, बल्कि उसका स्वागत होता है, लेकिन तीन तलाक कुप्रथा को हटाने का इतना विरोध हुआ। इसके लिए तुष्टिकरण की राजनीति जिम्मेदार है।

गृहमंत्री ने कहा कि कुछ पार्टियों की वोटबैंक राजनीति के आधार पर सत्ता में आने की आदत है। यही वजह है इस तरह की कुप्रथाएं जारी रहती हैं। शाह ने कहा, ‘‘ जब कुछ लोग सत्ता के भूखे होते हैं तो वे तुष्टिकरण की राजनीति को आश्रय देते हैं। उनकी चिंता मुस्लिम महिलाएं नहीं है बल्कि केवल वोटबैंक की है, लेकिन जब आपका मकसद समाज का उत्थान हो तो अपको कड़ी मेहनत करनी होती है, योजना बनानी होती है। वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी का प्रधानमंत्री पद पर चुनाव तुष्टिकरण की राजनीति की खात्मे की शुरुआत थी और 2019 का जनादेश इसे हमेशा के लिए समाप्त करने के लिए है।’’

गृहमंत्री ने सवाल किया कि अगर तीन तलाक इस्लामिक संस्कृति का हिस्सा है फिर मुस्लिम देशों ने क्यों इसे खत्म किया। उन्होंने कहा कि इसका मतलब है कि यह इस्लाम के खिलाफ है और इस्लाम इसका समर्थन नहीं करता है। 19 मुस्लिम देशों ने 1922 से 1963 के बीच तीन तलाक को खत्म किया।

उन्होंने कहा, ‘‘ यह कुप्रथा लंबे समय से जारी थी और मोदी सरकार ने हमेशा के लिए इसे खत्म कर महिलाओं को सम्मान और समानता के साथ जीने का हक दिया। शाह ने कहा कि कई लोग कहते हैं कि यह दीवानी मामला है फिर इसे फौजदारी क्यों बनाया गया? लेकिन जब सतीप्रथा को खत्म किया गया तो किसी ने विरोध नहीं किया, जब बाल विवाह पर रोक लगाई गई तो किसी ने विरोध नहीं किया। बाल विवाह में दो साल कैद का प्रावधान है। दहेज के मामले में महज दहेज मांगने भर से दो साल कैद की सजा प्रावधान है।

उन्होंने कहा, तीन तलाक में सजा का प्रावधान लोगों को जागरूक करने और कुछ लोगों में भय पैदा करने के लिए है। अगर आप यह करेंगे तो सजा मिलेगी। पहले तीन तलाक में महिला के लिए गुजारे भत्ते का प्रावधान नहीं था, हमनें गुजारे भत्ते का प्रावधान किया। गृहमंत्री ने जातिवाद, राजनीतिक वंशवाद और तुष्टिकरण को भारतीय लोकतंत्र के लिए तीन बड़े खतरे बताया।

उन्होंने कहा, ‘‘ मोदी सरकार ने इन तीनों को खत्म किया है और सभी वर्गों के विकास के लिए कार्य कर रही है। हमारी सरकार किसी की आंकाक्षाओं की अनदेखी नहीं करेगी। शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने अपने साढ़े पांच साल के कार्यकाल में 25 ऐतिहासिक फैसले लिए हैं जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्णायक नेतृत्व को प्रतिबिंबित करता है।

गौरतलब है कि पिछले महीने संसद ने तीन तलाक विधेयक को परित किया था। इसमें एक साथ तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) को अपराध घोषित कर तीन साल की सजा का प्रावधान किया गया था।

टॅग्स :तीन तलाक़अमित शाह
Open in App

संबंधित खबरें

भारत'अमित शाह ने बंगाल में राष्ट्रपति शासन का आधार तैयार करने के लिए SIR का इस्तेमाल किया', ममता बनर्जी ने लगाया आरोप

क्राइम अलर्टBhiwandi: दहेज में बुलेट मोटरसाइकिल न लाने पर महिला को दिया गया तीन तलाक, पति और ससुराल वालों के खिलाफ केस दर्ज

भारतनूरा कुश्ती या भड़ास निकालने का सही समय, महायुति में मारामारी

भारतगृह मंत्री अमित शाह से मिले सम्राट चौधरी, और अधिक मजबूती से काम करेगी NDA सरकार

भारतConstitution Day 2025: 'मजबूत राष्ट्र के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करता है संविधान', अमित शाह ने संविधान दिवस की दी शुभकामनाएं

भारत अधिक खबरें

भारतIndiGo Crisis: लगातार फ्लाइट्स कैंसिल कर रहा इंडिगो, फिर कैसे बुक हो रहे टिकट, जानें

भारतIndigo Crisis: इंडिगो की उड़ानें रद्द होने के बीच रेलवे का बड़ा फैसला, यात्रियों के लिए 37 ट्रेनों में 116 कोच जोड़े गए

भारतPutin Visit India: भारत का दौरा पूरा कर रूस लौटे पुतिन, जानें दो दिवसीय दौरे में क्या कुछ रहा खास

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए