राम माधव के प्रेस कॉफ्रेंस से पहले महबूबा को आया था एक फोन, 'साइलेंट' हो गईं PDP सुप्रीमो

By खबरीलाल जनार्दन | Published: June 20, 2018 11:15 AM2018-06-20T11:15:28+5:302018-06-20T11:26:29+5:30

फोन जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव बीबी व्यास ने उठाया। फोन की दूसरी तरफ से आवाज आई तत्काल मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से बात कराओ।

The phone call which makes PDP Supremo Mehbooba Mufti before Ram Madhav Press Conference | राम माधव के प्रेस कॉफ्रेंस से पहले महबूबा को आया था एक फोन, 'साइलेंट' हो गईं PDP सुप्रीमो

राम माधव के प्रेस कॉफ्रेंस से पहले महबूबा को आया था एक फोन, 'साइलेंट' हो गईं PDP सुप्रीमो

श्रीनगर, 20 जूनः मंगलवार को दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी के जम्मु कश्मीर प्रभारी राम माधव की प्रेस कॉन्फ्रेंस करने से पहले जम्मू कश्मीर के सिव‌िल सचिवालय में एक फोन आया था। फोन जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव बीबी व्यास ने उठाया। फोन की दूसरी तरफ से आवाज आई तत्काल मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से बात कराओ। बीबी व्यास ने ऐसा ही किया।

जैसे मुख्य सचिव व्यास ने मुफ्ती को फोन दिया, उधर से आवाज आई, आपकी सरकार जा चुकी है। 59 वर्षीय महबूबा मुफ्ती यह खबर सुनने के बाद कुछ देर तक मौन हो गईं। वह कुछ बोल ही नहीं पाईं। कुछ वक्त बाद उन्होंने खुद को संभालते हुए कहा कि वो बीजेपी से किसी तरह की बातचीत नहीं चाहतीं। वह कुछ देर में ही अपना इस्तीफा दे देंगी।

इसके कुछ देर बाद ही दिल्ली में राम माधव ने प्रेस कॉफ्रेंस शुरू किया और पीपुल्स डेमोक्रेडिट पार्टी से समर्थन वापस लेने की जानकारी दी।

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महबूबा मुफ्ती को जो फोन गया था, वह था राज्यपाल एनएन वोहरा का था। असल में बीजेपी ने राज्यपाल को पहले ही यह जानकारी दे दी थी। इसीलिए बात किसी और के माध्यम से महबूबा तक पहुंचे उससे पहले ही आनन-फानन में फोन कर दिए। लेकिन इस फोन से महबूबा मुफ्ती को कुछ देर के लिए मौन कर दिया।

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कश्मीर में 2014 के विधानसभा चुनाव के परिणामों की घोषणा के बाद का राजनीतिक घटनाक्रम कुछ इस प्रकार है : 

- 28 दिसंबर , 2014 : विधानसभा चुनाव परिणामों की घोषणा , त्रिशंकु विधानसभा। 87 सदस्यीय विधानसभा में पीडीपी 28 सीट के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी , भाजपा को 25, नेकां को 15 और कांग्रेस को 12 सीट प्राप्त हुए। 

- 28 दिसंबर : जम्मू - कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू किया गया। 

- पीडीपी और भाजपा के बीच गठबंधन को लेकर बातचीत। गठबंधन के एजेंडा - साझा न्यूनतम कार्यक्रम को अंतिम रूप देने के लिए दो महीने तक विचार - विमर्श किया गया।

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- एक मार्च , 2015 : मुफ्ती मोहम्मद सईद ने दूसरी बार जम्मू - कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। राज्य में राज्यपाल शासन समाप्त हुआ। 

- सात जनवरी , 2016 : मुफ्ती सईद का बीमारी के कारण एम्स , नयी दिल्ली में निधन। 

- आठ जनवरी , 2016 : गठबंधन जारी रखने को लेकर भाजपा - पीडीपी में स्थिति स्पष्ट नहीं होने के कारण फिर से राज्यपाल शासन लागू किया गया। 

- पीडीपी ने गठबंधन के एजेंडे को लागू करने को लेकर अपनी आपत्ति जाहिर की , सरकार चलाने के लिए अनिच्छुक दिखी। राज्यपाल शासन जारी रहा। 

- 22 मार्च : महबूबा मुफ्ती ने नयी दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। बैठक के बाद उन्होंने ऐलान किया कि वह केंद्र के आश्वासन से संतुष्ट हैं। 

- चार अप्रैल : महबूबा मुफ्ती ने राज्य की पहली महिला मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। 

- पांच अप्रैल : भारत और पाकिस्तान के बीच एक क्रिकेट मैच के बाद स्थानीय छात्रों और दूसरी जगहों के छात्रों के बीच झड़प के बाद श्रीनगर के राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान में संकट की स्थिति उत्पन्न हुई। 

- आठ जुलाई : हिज्बुल मुजाहिदीन का आतंकी बुरहान वानी दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के कोकेरनाग इलाके में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। वानी की मौत को लेकर पीडीपी - भाजपा के बीच मतभेद देखने को मिला। आतंकी की हत्या के बाद हुए प्रदर्शनों के हिंसक रूप लेने के कारण 85 लोगों की जान गयी। 

- नौ मई , 2018 : महबूबा मुफ्ती ने मुठभेड़ स्थलों के निकट नागिरकों के मारे जाने के मामलों में वृद्धि को देखते हुए सर्वदलीय बैठक बुलायी। 

बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने वर्ष 2003 में अटल बिहारी वाजपेयी की तत्कालीन सरकार द्वारा घोषित संघर्षविराम की तर्ज पर ऐसा करने का आह्वान किया।

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भाजपा नेता और उपमुख्यमंत्री कवींद्र गुप्ता ने इसका विरोध किया।

- 17 मई : केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू - कश्मीर में एक माह तक आतंकियों के खिलाफ अभियान को निलंबित रखने का ऐलान किया। 

- 17 जून : राजनाथ सिंह ने ऐलान किया कि केंद्र एकतरफा संघर्षविराम को जारी नहीं रखेगा। उन्होंने कहा कि संघर्षविराम की अवधि के दौरान आतंकी घटनाओं में वृद्धि को देखते हुए आतंकवाद - रोधी अभियान को फिर से शुरू किया जाएगा। 

- 18 जून : भाजपा आलाकमान ने जम्मू - कश्मीर सरकार में शामिल भाजपा के सभी मंत्रियों को दिल्ली तलब किया। 

- 19 जून : भाजपा ने गठबंधन सरकार से समर्थन वापस लिया। मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने त्यागपत्र दिया। राज्य एक बार फिर से राज्यपाल शासन की ओर बढ़ रहा है। 

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