अफगानिस्तान के हालात से फिर जुड़ी कश्मीर की शांति, पड़ेगा अमेरिकी फौज की वापसी का असर!

By सुरेश डुग्गर | Updated: February 25, 2019 13:01 IST2019-02-25T13:01:27+5:302019-02-25T13:01:27+5:30

कश्मीर की शांति फिर जुड़ी अफगानिस्तान के हालात से, 1990 में भी कश्मीर को नर्क बना डाला था अफगान मुजाहिदीनों ने

The peace of Kashmir linked to the situation in Afghanistan, will have the effect of the return of the American army! | अफगानिस्तान के हालात से फिर जुड़ी कश्मीर की शांति, पड़ेगा अमेरिकी फौज की वापसी का असर!

अफगानिस्तान से हो सकती है फौज़ की वापसी (फाइल फोटो)

Highlightsअफगानिस्तान से अमेरीकी फौजों की वापसी और अमेरीकी-पाकिस्तानी संबंधों में आई खटास का सीधा असर कश्मीर पर पडे़गा।भारतीय सेना की संवेदनशील 15वीं कोर में स्थित सेनाधिकारी इसके प्रति चेतावनी जारी कर सभी को चिंता में डाल रहे हैं।

जम्मू, 25 फरवरी: कश्मीर की शांति पुनः अफगानिस्तान के हालात से जुड़ गई है। सेना इसके प्रति चेताने लगी है। उसकी चेतावनी ठोस सुबूतों पर टिकी हुई है। वर्ष 1990 में अफगानिस्तान से रूसी फौजों की वापसी और फिर 1996 में अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबानियों के कब्जे के बाद ही कश्मीर में तालिबानियों के प्रवेश ने कश्मीर को नर्क बना डाला था और अब अमेरीकी फौजों की वापसी के बाद तालिबानों के कश्मीर की ओर मुढ़ने  की आशंका बलबती होने लगी है।

हालांकि सेना अभी इसके प्रति सिर्फ आशंका ही प्रकट कर रही है। हालात बता रहे हैं कि अफगानिस्तान से अमेरीकी फौजों की वापसी और अमेरीकी-पाकिस्तानी संबंधों में आई खटास का सीधा असर कश्मीर पर पडे़गा। जहां अफगान मुजाहिदीनों को धकेलने में पाक सेना कोई कोर कसर इसलिए नहीं छोड़ना चाहेगी क्योंकि वह देश के भीतर बन रहे हालात से पाकिस्तानी जनता का ध्यान हटाना चाहती है।

भारतीय सेना की संवेदनशील 15वीं कोर में स्थित सेनाधिकारी इसके प्रति चेतावनी जारी कर सभी को चिंता में डाल रहे हैं। वे कहते थे कि अतीत का अनुभव यही कहता है कि अफगानिस्तान में जो कुछ हुआ है उसका असर पाकिस्तान पर पड़ा है और उसका सीधा परिणाम कश्मीर को सहन करना पड़ा है।

उनके मुताबिक, 1990 में रूसी फौजों ने अफगानिस्तान छोड़ा तो अफगान मुजाहिदीन कश्मीर की ओर आने शुरू हो गए और अब अमेरीकी फौज के अफगानिस्तान छोड़ने की चर्चाएं हैं जो कश्मीर के लिए खतरनाक साबित हो सकती है।

हालांकि वे कहते थे कि कश्मीर की सीमाओं पर सुरक्षा के कड़े व पुख्ता प्रबंध हैं पर बावजूद इसके घुसपैठिए घुसने में कामयाब हो जाते हैं। इसकी पुष्टि कई बार की जा चुकी है। जानकारी के लिए पिछले तीन सालों के भीतर 300 के करीब आतंकी घुसपैठ करने में कामयाब हुए हैं। यह आंकड़ा सुरक्षा एजेंसियों का है जबकि जमीनी हालात कहते हैं कि घुसने में कामयाब होने वालों की संख्या इससे कहीं अधिक है।

यही कारण था कि इन गर्मियों और अगले साल कश्मीर सीमा के गर्म रहने की आशंका व्यक्त कर सेना कश्मीरियों की नींद उड़ाने लगी है। सेनाधिकारी तो यहां तक कहते थे कि आने वाले दिनों में घुसपैठ को कामयाब बनाने की खातिर पाक सेना सीजफायर को भी दांव पर लगा सकती है और उनका साथ तालिबानी आतंकी भी देंगें। वैसे भी वह कई बार एलओसी पर गोलाबारी कर इसे खत्म करने का प्रयास कर चुकी है।

Web Title: The peace of Kashmir linked to the situation in Afghanistan, will have the effect of the return of the American army!

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे