धनबाद के आशीर्वाद टावर में लगी आग से हुई 14 लोगों की मौत पर हाईकोर्ट ने लिया स्वत संज्ञान

By एस पी सिन्हा | Published: February 1, 2023 03:16 PM2023-02-01T15:16:21+5:302023-02-01T15:17:35+5:30

इस मामले में अदालत ने गुरुवार को सुनवाई निर्धारित करते हुए महाधिवक्ता को कोर्ट में उपस्थित रहने का निर्देश दिया है। कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश अपरेश कुमार सिंह एवं न्यायाधीश दीपक रोशन की अदालत ने इस मामले में स्वत संज्ञान लिया है। 

The High Court took suo moto cognizance of the death of 14 people due to fire in Dhanbad's Ashirwad Tower | धनबाद के आशीर्वाद टावर में लगी आग से हुई 14 लोगों की मौत पर हाईकोर्ट ने लिया स्वत संज्ञान

धनबाद के आशीर्वाद टावर में लगी आग से हुई 14 लोगों की मौत पर हाईकोर्ट ने लिया स्वत संज्ञान

Highlightsहाईकोर्ट के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश अपरेश कुमार सिंह ने इस मामले में स्वत संज्ञान लियाधनबाद शहर में महज 10 दिन में चार अग्निकांड और 20 जिंदगी मौत के मुंह में समा गईधनबाद में 22 जनवरी से आग का सिलसिला शुरू हुआ जो अब 14 इंसानों को निगल गया

धनबाद: झारखंड में धनबाद के आशीर्वाद टावर में लगी आग में 14 लोगों की मौत होने पत मामले की गंभीरता को देखते हुए झारखंड हाईकोर्ट ने इसमें स्वत संज्ञान लिया है। इस मामले में अदालत ने गुरुवार को सुनवाई निर्धारित करते हुए महाधिवक्ता को कोर्ट में उपस्थित रहने का निर्देश दिया है। कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश अपरेश कुमार सिंह एवं न्यायाधीश दीपक रोशन की अदालत ने इस मामले में स्वत संज्ञान लिया है। 

वहीं बेटी की विदाई के बाद आज बुधवार को एक साथ सुबोध लाल श्रीवास्तव के घर से आधा दर्जन से अधिक लोगों की शव यात्रा निकली। पटना और बोकारो से आए सुबोध के रिश्तेदारों का शव उनके घर भेजे गये। बता दें कि धनबाद शहर में महज 10 दिन में चार अग्निकांड और 20 जिंदगी मौत के मुंह में समा गई। जनता के साथ तंत्र की भी लापरवाही का ये परिणाम था। आग लगने के बाद कानून के पालन की औपचारिकताएं होती हैं, बाद में सब सो जाते हैं। 

परिणाम ये कि हादसे पर हादसे होते रहते हैं। धनबाद में 22 जनवरी से आग का सिलसिला शुरू हुआ जो पहले एक, फिर पांच और अब 14 इंसानों को निगल गया। मंगलवार की घटना 25 अक्टूबर, 1992 के झरिया पटाखाकांड के बाद आग की दूसरी सबसे बड़ी त्रासदी बन गई। पटाखा कांड में 29 लोगों की मौत हो गई थी, लेकिन न तंत्र जागा, न जनता। आखिर ऐसा कब तक चलेगा? 

आशीर्वाद टावर की चौथी मंजिल पर रहने वाले सुबोधलाल श्रीवास्तव की बेटी स्वाति की शादी थी। बिल्डिंग में लगी आग ने स्वाति को ऐसी विदाई दी कि मां के साथ-साथ कई बुजुर्गों का साया उसके सिर से छीन लिया। विदाई के वक्त तक स्वाति को नहीं बताया गया कि उसकी मां सहित कई रिश्तेदारों का निधन हो गया है। इस घटना में 14 लोगों की मौत हो गई है, 36 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से झुलस गए हैं। कई की स्थिती गंभीर बनी हुई है।

 ऐसे में मौत का आंकडा बढने की संभावना जताई जा रही है। सबसे ह्रदयविदारक स्थिती तो तब दिखी जब शादी की रस्मों के दौरान जब मां नहीं दिखी, तो स्वाति ने पूछा कि मां कहा है? रिश्तेदारों ने कहा कि अचानक तबीयत खराब हो गई है। बस आ रहीं हैं। इस शादी में शामिल होने कई रिश्तेदार आये थे, लेकिन उनमें से भी कई लोग नजर नहीं नहीं आ रहे थे, तो स्वाति के मन में कई सवाल थे। स्वाति बार-बार मां और दूसरे रिश्तेदारों के संबंध में सवाल कर रही थी।

घटना के बाद सबसे ह्र्दयविदारक माहौल तब कायम हो गया जब स्वाति विदाई के बाद अपने घर लौटना चाहती थी, अपनी मां को आखिरी बार देखना चाहती थी, लेकिन स्वाति के रिश्तेदारों ने कहा कि उसका आना संभव नहीं है। मरने वाले सभी एक ही परिवार के हैं। आशीर्वाद ट्विन टावर के जिस घर में आग लगी, वहां बेटी की शादी थी। 

जब हादसा हुआ, उस समय घर से 500 मीटर दूर सिद्धि विनायक मैरिज हॉल में इसी परिवार की बेटी स्वाति की शादी की रस्में चल रही थीं। मंगलवार शाम घटी दर्दनाक घटना पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सभी ने अग्निकांड में मारे गये लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए मुआवजे का एलान किया है। 
 

Web Title: The High Court took suo moto cognizance of the death of 14 people due to fire in Dhanbad's Ashirwad Tower

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