धनबाद के इन भाइयों ने पेश की मिसाल, BSF के लिए बनाया बॉर्डर सर्विलांस सिस्टम 'केबल कैम'
By एस पी सिन्हा | Updated: February 9, 2022 16:32 IST2022-02-09T16:31:49+5:302022-02-09T16:32:30+5:30
झारखंड के धनबाद के रहने वाले हसन बंधुओं ने हाल में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के लिए पहाडों और जंगल में निगरानी के लिए बॉर्डर सर्विलांस सिस्टम 'केबल कैम' तैयार किया है।

धनबाद के इन भाइयों ने पेश की मिसाल, BSF के लिए बनाया बॉर्डर सर्विलांस सिस्टम 'केबल कैम'
धनबाद: झारखंड में काले हीरे की नगरी के नाम से प्रसिद्ध धनबाद में वासेपुर मुहल्ला पहले गैंगवॉर के चलते चर्चित था। लेकिन अब यहां की तस्वीर बदल रही है। वासेपुर स्थित आरा मोड के समीप किताब दुकान चलाने वाले मो नाजुल हसन के तीन पुत्रों ने हाल में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के लिए पहाडों और जंगल में निगरानी के लिए बॉर्डर सर्विलांस सिस्टम 'केबल कैम' तैयार किया है।
बताया जाता है कि नाजुल परिवार के साथ बाइपास में यहियानगर में रहते हैं। उनके तीन पुत्रों में जियाउल हसन, फैयजुल हसन और गौसुल हसन हैं। तीनों भाइयों में सिर्फ जियाउल हसन ने ही 12वीं तक साइंस से पढ़ाई की है। फैयजुल बीकॉम और गौसुल आइकॉम का छात्र है। इनके द्वॉरा तैयार किया गया 'केबल कैम' रस्सियों के सहारे झूलती हुई 500 मीटर की रेंज तक निगरानी कर सकता है। बीएसएफ ने इसे विशेषकर जंगल और पहाड़ों पर निगरानी के लिए तैयार करवाया है।
केबल कैम से जंगलों में निगरानी के लिए बीएसएफ ने पेड़ों के सहारे केबल या रस्सियां बांधी हैं। कैमरा एक रोबोट से जुड़ा है। इस रोबोट को 500 मीटर की दूरी से कंट्रोल किया जा सकता है। इसमें लगा कैमरा 24 घंटे तक 500 मीटर की रेंज में मौजूद हर चीज को स्पष्ट रूप से दिखाता है। इसे जूम करके रिमोट में लगी स्क्रीन या किसी बड़ी स्क्रीन पर देखा जा सकता है। यह कैमरा नाइट विजन डिवाइस से भी लैस है। बीएसएफ इसका इस्तेमाल अंतर्राष्ट्रीय सीमा की निगरानी के लिए कर रही है।
जानकारों के अनुसार हसन बंधु अब तक कई तरह के ड्रोन बना चुके हैं। इनमें सैनिटाइजर का छिड़काव करने वाला, भारी सामान ले जाने वाला, आठ मोटर वाला, साथ ही खदानों के अंदर सर्विलांस और सामान ढोने वाला रोबोट भी शामिल है। वे इस क्षेत्र में आईआईटी और एनआईटी जैसे संस्थानों से पढ़ रहे छात्रों को टक्कर दे रहे हैं। तीनों भाई अपने ड्रोन और रोबोट के साथ विभिन्न आईआईटी और एनआईटी में होने वाली प्रतियोगिताओं में इंजीनियरिंग के छात्रों को टक्कर देते हैं।
हसन बंधुओं का अगला लक्ष्य ड्रोन टेक्नोलॉजी में इस्तेमाल होने वाले सभी पार्ट्स का देश में उत्पादन करने का है। फैयजुल बताते हैं कि अभी इसके अधिकतर पार्ट्स चीन में बनते हैं। इस क्षेत्र में अपने देश को पूरी तरह से आत्मनिर्भर बनाना चाहते हैं। इसके लिए उन लोगों ने वर्ष 2021 में स्काई आरसी के नाम से स्टार्टअप शुरू किया है। इसके लिए वे अभी किसी मदद नहीं ले रहे हैं। अपनी कमाई के दम पर इसे आगे ले जाना चाहते हैं।