आदि शंकराचार्य की प्रतिमा के समक्ष बैठने का अनुभव शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता : मोदी
By भाषा | Updated: November 5, 2021 12:02 IST2021-11-05T12:02:13+5:302021-11-05T12:02:13+5:30

आदि शंकराचार्य की प्रतिमा के समक्ष बैठने का अनुभव शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता : मोदी
देहरादून/केदारनाथ, पांच नवंबर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को भगवान शिव के धाम केदारनाथ में आदि गुरु शंकराचार्य की प्रतिमा का अनावरण किया और कहा कि उनकी पुन: निर्मित समाधि पर उनकी प्रतिमा के समक्ष बैठने का अनुभव बयां करने के लिए शब्द नहीं हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने 2013 की विनाशकारी बाढ़ के बाद, शून्य से कम तापमान में केदारपुरी में हुए पुनर्निर्माण कार्यों का श्रेय बाबा केदार को देते हुए कहा कि यह दशक उत्तराखंड का है और आने वाले वर्षों में संपर्क (कनेक्टिविटी) को अभूतपूर्व रूप से बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण चल रहा है और सदियों बाद वह अपना गौरव वापस पा रहा है।
एक ही शिला काटकर बनाई गई शंकराचार्य की बारह फुट ऊंची प्रतिमा का अनावरण करने के बाद प्रधानमंत्री ने उसके समक्ष बैठकर उनकी आराधना की।
इससे पहले, मोदी ने केदारनाथ मंदिर पहुंचकर भगवान शिव की विशेष पूजा अर्चना की और उनका रूद्राभिषेक किया। मंदिर के मुख्य द्वार पर पहुंचने पर पुजारियों ने प्रधानमंत्री का, उनके माथे पर लेप लगाकर स्वागत किया।
मोदी के इस कार्यक्रम का आदि शंकराचार्य द्वारा चारों दिशाओं में स्थापित किए गए चारों धाम बद्रिकाश्रम ज्योतिर्पीठ बदरीनाथ, द्वारिका पीठ, पुरी पीठ और रामेश्वरम और 12 ज्योतिर्लिंगों सहित देशभर के शिवालयों में सीधा प्रसारण किया गया।
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