लालू परिवार में गहराया विवाद, लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्या ने संजय यादव के खिलाफ खोला मोर्चा
By एस पी सिन्हा | Updated: September 20, 2025 17:25 IST2025-09-20T17:25:43+5:302025-09-20T17:25:50+5:30
परिवार का अंदरूनी विवाद इतना गहरा गया है कि राजनीतिक गलियारों में अब चर्चा होने लगी है कि क्या अब तेज प्रताप यादव के बाद रोहिणी आचार्य पार्टी से किनारा कर लेंगी।

लालू परिवार में गहराया विवाद, लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्या ने संजय यादव के खिलाफ खोला मोर्चा
पटना:बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव एक ओर जहां चुनावी तैयारी में जुटे हुए हैं और बिहार अधिकार यात्रा कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर उनके परिवार में विवाद गहराता जा रहा है। परिवार का अंदरूनी विवाद इतना गहरा गया है कि राजनीतिक गलियारों में अब चर्चा होने लगी है कि क्या अब तेज प्रताप यादव के बाद रोहिणी आचार्य पार्टी से किनारा कर लेंगी। यह संकेत रोहिणी आचार्य के हाल ही के सोशल मीडिया पोस्ट से मिल रहा है। इस पोस्ट के जरिए रोहिणी ने अपनी नाराजगी जाहिर की है। साथ ही याद दिलाई हैं कि वो बिना स्वार्थ के अपना कर्तव्य निभाती हैं। वहीं बढ़ते विवाद को देखकर रोहिणी आचार्य ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स को प्राइवेट कर लिया है।
रोहिणी आचार्य के पोस्ट के बाद विवाद इतना बढ़ा कि शनिवार सुबह 8 बजे के बाद अचानक उनका अकाउंट प्राइवेट कर दिया गया और पुराने सभी पोस्ट गायब हो गए। उल्लेखनीय है कि पहले तेज प्रताप यादव को पार्टी और परिवार से बाहर करना। उसके बाद उनका इशारों-इशारों में तेजस्वी के सलाहकार संजय यादव को ‘जयचंद‘ कहना। ठीक बाद, संजय यादव का राजद में कद बढ़ता देख रोहिणी का आपत्ति जताना। यह पोस्ट वायरल होते ही रोहिणी ने खुद को गंभीर बेटी और बहन बताया। इसके बाद उनका हॉस्पिटल में जाने का पोस्ट और शनिवार
सुबह तक एक्स अकाउंट प्राइवेट करना। यह सब संकेत जता रहा है कि लालू परिवार में कलह बढ़ती जा रही है। बता दें कि रोहिणी आचार्य के फेसबुक और एक्स पर लगातार पोस्ट सामने आ रहे थे। रोहिणी आचार्य ने शुक्रवार की रात दो पोस्ट किए थे। एक पोस्ट में उन्होंने पिता को किडनी डोनेट किए जाने का जिक्र किया। फोटो शेयर करते हुए लिखा था कि जो जान हथेली पर रखते हुए बड़ी से बड़ी कुर्बानी देने का जज्बा रखते हैं, बेखौफी- बेबाकी- खुद्दारी तो उनके लहू में बहती है।
तो वहीं, वहीं दूसरी पोस्ट में उन्होंने लिखा कि मैंने एक बेटी और बहन के तौर पर अपना कर्तव्य और धर्म निभाया है और आगे भी निभाती रहूंगी, मुझे किसी पद की लालसा नहीं है, न मेरी कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा है, मेरे लिए मेरा आत्म-सम्मान सर्वोपरि है। इससे पहले उन्होंने तेजस्वी के राजनीतिक सलाहकार संजय यादव को लेकर एक पोस्ट की थी, जिससे कयास लगाए जा रहे थे कि तेज प्रताप के बाद अब रोहिणी भी संजय यादव के विरोध में उतर आई हैं।
माना जा रहा है कि रोहिणी के इस कदम के पीछे दो मुख्य वजहें हो सकती हैं। पहली, यह कि उन्होंने अपनी निजी राय को लेकर आलोचना से बचने के लिए अकाउंट प्राइवेट किया। दूसरी, यह कि परिवार और पार्टी के नेताओं के बीच किसी भी तरह के विवाद को बढ़ने से रोकना माना जा रहा है। रोहिणी ने हाल में राज्यसभा सांसद संजय यादव, जो तेजस्वी यादव के करीबी और सलाहकार बताए जाते हैं, का कद बढ़ने पर आपत्ति जाहिर की थी। तेजस्वी के बिहार अधिकार यात्रा के रथ पर संजय यादव के अगली सीट पर बैठने को लेकर बवाल शुरू हुआ था।
एक व्यक्ति ने फेसबुक पर पोस्ट डाली और लिखा- ‘फ्रंट सीट सदैव शीर्ष के नेता-नेतृत्वकर्ता के लिए तय होती है और उनकी अनुपस्थिति में भी किसी को उस सीट पर नहीं बैठना चाहिए। ‘कोई’ अपने आप को शीर्ष नेतृत्व से भी ऊपर समझ रहा है, तो अलग बात है!’ इसे रोहिणी ने रिपोस्ट किया था। इसके बाद दो दलित चेहरों शिवचंद्र राम और रेखा पासवान को आगे कर डैमेज कंट्रोल की कोशिश भी की गई।
उल्लेखनीय है कि संजय यादव को लेकर उठा विवाद अब कहीं ना कहीं चुनावी माहौल में परिवार के कलह तेजस्वी यादव को परेशान कर सकता है। पारिवारिक मतभेद के बीच तेजस्वी को चुनावी संघर्ष का भी सामना करना है। ऐसे में अब देखना होगा कि तेजस्वी क्या करते हैं?