यूपी में मानवाधिकार आयोग के फैसले से कैदियों की सुरक्षा बढ़ी, जेलों में खानपान पर दिया जा रहा ध्यान, कराया जा रहा मेडिकल चेकअप

By राजेंद्र कुमार | Updated: September 15, 2025 18:41 IST2025-09-15T18:41:46+5:302025-09-15T18:41:55+5:30

आयोग का यह फैसला यूपी की 76 जेलों में बंद 90 हजार से अधिक कैदियों के लिए राहत भरा साबित हुआ है क्योंकि अब जेलों में बंद विचाराधीन कैदियों को पेशी के लिए अदालत लाने के दौरान उनकी सुरक्षा का समुचित प्रबंध जेल प्रशासन द्वारा किया जाने लगा है.

The decision of the Human Rights Commission in UP increased the security of prisoners, attention is being paid to food in jails, medical checkup is being done | यूपी में मानवाधिकार आयोग के फैसले से कैदियों की सुरक्षा बढ़ी, जेलों में खानपान पर दिया जा रहा ध्यान, कराया जा रहा मेडिकल चेकअप

यूपी में मानवाधिकार आयोग के फैसले से कैदियों की सुरक्षा बढ़ी, जेलों में खानपान पर दिया जा रहा ध्यान, कराया जा रहा मेडिकल चेकअप

लखनऊ: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने हाल ही में पेशी पर लाए जाने के दौरान अलग-अलग समय में 12 कैदियों की हुई मौत के मामले में अभिरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों को ड्यूटी में लापरवाही बरतने का दोषी माना और उस पुलिसकर्मियों से जुर्माना वसूलने का आदेश दिया. आयोग का यह फैसला यूपी की 76 जेलों में बंद 90 हजार से अधिक कैदियों के लिए राहत भरा साबित हुआ है क्योंकि अब जेलों में बंद विचाराधीन कैदियों को पेशी के लिए अदालत लाने के दौरान उनकी सुरक्षा का समुचित प्रबंध जेल प्रशासन द्वारा किया जाने लगा है. इसके साथ ही जेलों में भी कैदियों के खानपान, उनके रहने की बैरक और बाथरूम आदि की साफ-सफाई पर भी विशेष ध्यान दिया जाने लगा है. यही नहीं मानवाधिकार आयोग ने जिन पुलिसकर्मियों पर जुर्माना लगाया है, उनसे जुर्माना वसूलने की कार्रवाई ही शुरू कर दी गई है. इस संबंध में डीआईजी कारागार ने संबंधित जिलों के जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर पुलिसकर्मियों से जुर्माना वसूल करने के निर्देश दिए हैं. 

कैदियों की सुरक्षा पुख्ता की गई :  

उत्तर प्रदेश के डीजी जेल प्रेम चंद मीना के अनुसार, वर्ष 2012 से लेकर वर्ष वर्ष 2018 तक लखनऊ, उन्नाव, मुजफ्फरनगर, आगरा, बदायूं, फर्रुखाबाद और सुलतानपुर समेत अन्य जिलों के कारागारों से पेशी पर भेजे गए 12 बंदियों की मौत हुई थी. इन सभी बंदियों को जेल से पुलिस अभिरक्षा में जब अदालत में लाया जा रहा था, तभी किसी कैदी की सरेराह हत्या कर दी गई थी तो किसी को लोगों ने पुलिसकर्मियों से छुड़ाकर पीट-पीट कर मार डाला था. इस सारे मामलों का राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लिया था और इन सभी मामलों की न्यायिक जांच कराई. जांच में 12 बंदियों की मौत के मामले में अभिरक्षा में लगे पुलिसकर्मियों की लापरवाही सामने आई. इस पर मानवाधिकार आयोग ने कारागार विभाग को लापरवाही के दोषी पाए गए पुलिसकर्मियों पर जुर्माना लगाया है और इन पुलिसकर्मियों से जुर्माना वसूल करने के निर्देश कारागार विभाग को दिए हैं. 

दोषी पाए गए पुलिसकर्मियों से वसूले गए जुर्माने की धनराशि में से पीड़ित परिवारीजन को सहायता राशि दी जाएगी. इसके साथ ही सूबे की 76 जेलों में बंद कैदियों को अदालतों में पेशी के लिए ले जाने के दौरान उनकी सुरक्षा को पुख्ता किया गया है, ताकि किसी कैदी के साथ कोई अप्रिय घटना ना घटने पाये. इसके अलावा अब जिलों में बंद कैदियों के स्वास्थ्य आदि की जांच आदि पर अब विशेष ध्यान दिया जा रहा है. जिसके तहत जेल में बंद कैदियों का हर हफ्ते मेडिकल चेकअप कराया जा रहा है. उनके खाने आदि पर भी ध्यान दिया जा रहा है. जेलों के शौचालय आदि भी साफ रहे इसके प्रबंध भी किए गए हैं. जेलों में सुविधा बढ़ाकर कैदियों को सुधारने का अभियान जेलों में चलाया जा रहा है, इसलिए लिए उन्हे धार्मिक किताबे आदि भी मुहैया कराई जा रही है.  

इन कैदियों की मौत वसूला जा रहा जुर्माना : 

आयोग के इस आदेश के बाद डीआईजी कारागार ने लखनऊ जेल में बंदी रहे मुश्ताक उर्फ शंहशाह के मौत के मामले में उसकी अभिरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों से 51 हजार रुपए जुर्माना वसूलने के निर्देश दिए है. इसी प्रकार लखनऊ जेल में बंद रहे श्याम स्वरूप की मौत के मामले में उसकी अभिरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों से एक लाख रुपए जुर्माना वसूलने, उन्नाव जेल में बंद रहे बंदी सुरेन्द्र उर्फ पप्पू की मौत के मामले में उसकी अभिरक्षा में तैनात पुलिसजनों से तीन लाख रुपए जुर्माना वसूलने, मुजफ्फरनगर जेल में बंद कैदी विक्रांत त्यागी की मौत के मामले में उसकी अभिरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों से एक लाख रुपए जुर्माना वसूलने, आगरा जेल में बंद कैदी मोहित भारद्वाज की मौत के मामले में उसकी अभिरक्षा में तैनात पुलिसजनों से एक लाख रुपए जुर्माना वसूलने, आगरा जेल में बंद रहे कैदी चोखेलाल की मौत के मामले में उसकी अभिरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों से 50 हजार रुपए जुर्माना वसूलने, सुल्तानपुर जेल में बंद रहे कैदी सोनू पाठक की मौत के मामले में उसकी अभिरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों से एक लाख रुपए जुर्माना वसूलने और बदायूं जेल में बंद कैदी पंकज की मौत के मामले में उसकी अभिरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों से तीन लाख रुपए जुर्माना वसूलने की कार्रवाई शुरू की गई है. 
 

Web Title: The decision of the Human Rights Commission in UP increased the security of prisoners, attention is being paid to food in jails, medical checkup is being done

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