कभी पैसे ना होने के कारण पत्नी की लाश को लेकर चला था 10 किलोमीटर तक पैदल, अब दाना मांझी की बेटी ने किया यह कारनामा

By भाषा | Updated: June 26, 2021 13:05 IST2021-06-26T12:36:41+5:302021-06-26T13:05:41+5:30

भुवनेश्वर के कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (केआईएसएस) द्वारा चलाए जा रहे एक आदिवासी स्कूल की छात्रा चांदनी को 600 में से 280 अंक मिले हैं। उसकी दो छोटी बहनें भी स्कूल में पढ़ाई कर रही हैं।

The daughter of a man who walked with his wife's body on his shoulder passed the 10th class board exam | कभी पैसे ना होने के कारण पत्नी की लाश को लेकर चला था 10 किलोमीटर तक पैदल, अब दाना मांझी की बेटी ने किया यह कारनामा

(फोटो सोर्स- सोशल मीडिया)

Highlightsचांदनी की इस सफलता से आदिवासी समाज के लोग बेहद खुश हैं। डॉ. अच्युत सामंत ने चांदनी मांझी की सफलता पर खुशी जाहिर करते हुए भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी हैं।

ओडिशा में कालाहांडी जिले के एक सरकारी अस्पताल में शव वाहन कथित तौर पर नहीं मिलने के बाद पत्नी के शव को कंधे पर लेकर 10 किलोमीटर तक पैदल चले दाना माझी की बेटी चांदनी माझी ने 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा पास कर ली है। परीक्षा परिणाम शुक्रवार को घोषित किए गए और वह उन 2,81,658 लड़कियों में शामिल है जिन्होंने बोर्ड परीक्षा पास कर ली है।

जिले के थुआमुल-रामपुर मंडल में मेलाघर गांव के दाना माझी 2016 में पत्नी के शव के साथ 10 किलोमीटर तक पैदल चले थे। उस दौरान चांदनी भी अपने पिता के साथ पैदल चली थी। इस घटना के सामने आने के बाद केआईएसएस के संस्थापक डॉ. ए सामंत ने माझी की गरीबी को देखते हुए उनकी तीनों बेटियों को अपने स्कूल में दाखिला दिया था। इस पर चांदनी ने सामंत का आभार जताया था।

सामंत ने बताया कि केआईएसएस का 100 फीसदी परीक्षा परिणाम रहा जबकि राज्य स्तर पर पास प्रतिशत 97.89 प्रतिशत रहा। इंस्टीट्यूट के 1,900 छात्र परीक्षा में बैठे थे। गजपति जिले के सौरा जनजाति के मोहन चरण राइता 540 अंकों के साथ केआईएएस टॉपर बने।

Web Title: The daughter of a man who walked with his wife's body on his shoulder passed the 10th class board exam

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