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लोगों की मदद कर रहे फिल्म सितारों व नेताओं के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करने का अदालत का सुझाव

By भाषा | Updated: May 12, 2021 18:04 IST

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मुंबई, 12 मई बंबई उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि राज्य को उन फिल्मी सितारों और राजनीतिक नेताओं से संपर्क करने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करने चाहिएं जो लोगों की रेमडेसिविर और कोविड-19 के इलाज के लिए अन्य दवाओं को हासिल करने में मदद कर रहे हैं।

मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी ने केंद्र सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह को निर्देश दिया कि वह केंद्र और महाराष्ट्र सरकार के एक-एक अधिकारी की वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक कराएं जिसमें राज्य में रेमडेसिविर की जरूरत और आपूर्ति में कमी के बारे में चर्चा की जा सके।

पीठ राज्य में कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए दायर कई जनहित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है।

राज्य अधिकारियों ने पीठ को बताया कि महाराष्ट्र को रेमडेसिविर की प्रति दिन 70,000 शीशियों की जरूरत है जबकि उसे 45,000 शीशियां प्रति दिन मिल रही हैं।

बहरहाल, केंद्र सरकार ने उच्च न्यायालय में हलफनामे में दावा किया कि इस साल 21 अप्रैल तक महाराष्ट्र को कुल आठ लाख शीशियां आवंटित की गई हैं और राज्य को अबतक 5,85,062 शीशियां प्राप्त हो चुकी हैं।

उच्च न्यायालय ने कहा, “ अगर केंद्र और राज्य द्वारा दिए गए आंकड़ों में अंतर है तो समस्या जमीनी स्तर पर है। राज्य और केंद्र का कोई अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बैठकर चर्चा क्यों नहीं कर सकता है? "

अदालत ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि सुनवाई की अगली तारीख 19 मई तक बताया जाए कि उसने राज्य में रेमडेसिविर की किल्लत को दूर करने के लिए क्या किया है।

एक याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील राजेश इनामदार ने पीठ से कहा कि राज्य के कई अस्पतालों में रेमडेसिविर और टोसीलिज़ुमाब जैसी अन्य दवाएं खत्म हो रही हैं तथा कुछ फिल्मी हस्तियां और राजनीतिक नेता ट्विटर या अन्य सोशल मीडिया मंचों पर लोगों की मदद की गुहारों पर उनकी ये दवाएं हासिल करने में मदद कर रहे हैं।

राज्य सरकार ने पहले कहा था कि उसने सरकारी, नगर निकाय और निजी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में रेमडेसिविर और अन्य दवाओं की खरीद तथा वितरण पर नजर रखने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए हैं।

इस पर पीठ ने कहा, “ आप फिल्म सितारों और राजनीतिक नेताओं के लिए नोडल अधिकारी क्यों नियुक्त नहीं करते हैं? उनके (सितारे और राजनीतिक नेता) पास ईश्वर का आशीर्वाद होगा। अगर वे लोगों की मदद कर रहे हैं तो हम उनके रास्ते में नहीं आएंगे लेकिन नोडल अधिकारियों की नियुक्त क्यों नहीं की जा सकती है, ताकि सुनिश्चित किया जा सके जरूरतमंद तक मदद पहुंचे।”

अदालत ने कहा कि नोडल अधिकारियों को यह जांचना चाहिए कि क्या फिल्मी सितारों और राजनीतिक नेताओं समेत कोई भी ऐसी दवाओं की अवैध खरीद, कालाबाजारी या जमाखोरी में शामिल है या नहीं।

पीठ ने कहा, “ हम यहां कानून के मुताबिक न्याय करने के लिए हैं। हम कानून के खिलाफ नहीं जा सकते हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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