बिस्तरों के आवंटन में पारदर्शिता के अनुरोध वाली याचिका पर अदालत ने दिल्ली सरकार से जवाब मांगा
By भाषा | Updated: May 10, 2021 19:25 IST2021-05-10T19:25:32+5:302021-05-10T19:25:32+5:30

बिस्तरों के आवंटन में पारदर्शिता के अनुरोध वाली याचिका पर अदालत ने दिल्ली सरकार से जवाब मांगा
नयी दिल्ली, 10 मई दिल्ली उच्च न्यायालय में दायर एक जनहित याचिका में सोमवार को अनुरोध किया गया कि राष्ट्रीय राजधानी के अस्पताल बिस्तरों के आवंटन में कथित तौर पर ''वीआईपी (अति विशिष्ट व्यक्ति) संस्कृति'' का अनुसरण कर रहे हैं, इसलिए बिस्तर की उपलब्धता के बारे में पता लगाने के लिए कोविड-19 मरीजों के लिये एक केंद्रीकृत एवं पारदर्शी तंत्र की आवश्यकता है।
न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर 21 मई तक याचिका पर जवाब देने को कहा।
आतिथ्य क्षेत्र में कार्यरत दिल्ली निवासी मंजीत सिंह की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि स्वास्थ्य आपातकाल की वर्तमान परिस्थिति में, जहां बिस्तरों की मांग इसकी आपूर्ति से अधिक है, ''कुछ ऐसा तंत्र होना चाहिए ताकि कोविड-19 मरीजों को शहर के अस्पतालों में बिस्तरों का आवंटन मनमाने और अनुचित तरीके से नहीं होना सुनिश्चित किया जा सके।''
सिंह की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील विवेक सूद ने अदालत से कहा कि लोग अस्पतालों के बाहर बिस्तरों के लिए नहीं भटक सकते इसलिए एक ऐसा तंत्र बनाना होगा, जहां प्रतीक्षा सूची में शामिल लोगों को बिस्तर खाली होने पर सूचित किया जा सके और उनकी बारी के अनुसार बिस्तर आवंटित हो।
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