न्यायालय ने कॉर्पोरेट मामलों के चलते गरीबों के मामले पीछे रहने का विषय उठाया

By भाषा | Published: September 27, 2021 09:24 PM2021-09-27T21:24:43+5:302021-09-27T21:24:43+5:30

The court raised the issue of the poor being left behind due to corporate matters. | न्यायालय ने कॉर्पोरेट मामलों के चलते गरीबों के मामले पीछे रहने का विषय उठाया

न्यायालय ने कॉर्पोरेट मामलों के चलते गरीबों के मामले पीछे रहने का विषय उठाया

नयी दिल्ली, 27 सितंबर उच्चतम न्यायालय ने अपने समक्ष लगातार कॉर्पोरेट विषय तत्काल सुनवाई के लिए उठाये जाने का उल्लेख करते हुए सोमवार को कहा कि कमजोर वर्गों से जुड़े मामले और आपराधिक मामले पीछे रह जाते हैं।

प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह टिप्पणी उस समय की जब वरिष्ठ अधिवक्ता सी यू सिंह ने एक कॉर्पोरेट मामले को प्राथमिकता से सुनवाई के लिए रखा।

प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘हमें इंतजार करना होगा। हम व्यवस्था को सुदृढ़ कर रहे हैं और यहां कंपनियां चाहती हैं कि उनके मामलों को पहले सूचीबद्ध किया जाए।’’

पीठ में न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली भी शामिल रहे। पीठ ने आपराधिक अपीलों, पारिवारिक विवादों और गरीब लोगों के फैसलों के लिए लंबित मामलों का जिक्र करते हुए कहा कि ये मामले पीछे रह जाते हैं।

इससे पहले प्रधान न्यायाधीश ने कहा था कि सीधे शीर्ष अदालत की पीठों के बजाय उसके अधिकारियों के समक्ष तत्काल सुनवाई के लिए विषयों का उल्लेख करने की प्रणाली बनाई गयी है ताकि वरिष्ठ अधिवक्ताओं को उनके कनिष्ठ सहयोगियों की तुलना में ‘विशेष प्राथमिकता’ नहीं दी जाए।

पीठ ने वकील प्रशांत भूषण से कहा था, ‘‘पहले आप रजिस्ट्रार के समक्ष उल्लेख करने के लिए जाएं और यदि अनुमति नहीं मिलती है तो पीठ के समक्ष उल्लेख करने का आपका अधिकार स्वत: ही बनता है।

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Web Title: The court raised the issue of the poor being left behind due to corporate matters.

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