न्यायालय ने कृषि कानूनों के अमल पर रोक के सुझाव का केन्द्र द्वारा विरोध किये जाने पर उठाये सवाल

By भाषा | Updated: January 11, 2021 20:18 IST2021-01-11T20:18:20+5:302021-01-11T20:18:20+5:30

The court raised questions on the central opposition to the suggestion to stop the implementation of agricultural laws | न्यायालय ने कृषि कानूनों के अमल पर रोक के सुझाव का केन्द्र द्वारा विरोध किये जाने पर उठाये सवाल

न्यायालय ने कृषि कानूनों के अमल पर रोक के सुझाव का केन्द्र द्वारा विरोध किये जाने पर उठाये सवाल

नयी दिल्ली, 11 जनवरी उच्चतम न्यायालय ने किसान आन्दोलन से उत्पन्न स्थिति का सर्वमान्य हल खोजने के लिये फिलहाल विवादास्पद कृषि कानूनों पर अमल स्थगित रखने के उसके सुझाव का केन्द्र द्वारा पुरजोर विरोध किये जाने पर केन्द्र के रवैये पर सोमवार को सवाल किये।

शीर्ष अदालत ने किसान आन्दोलन से निबटने के रवैये को लेकर सोमवार को सरकार को आड़े हाथ लिया और कहा कि वह इन कानूनों पर अमल स्थगित कर दे और अन्यथा न्यायालय द्वारा नियुक्त की जाने वाली उच्चस्तरीय समिति की सिफारिश पर वह स्वंय ऐसा कर देगी।

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, ‘‘हम समझ नहीं पा रहे कि इन कानूनों के अमल के लिये इतना जोर क्यों दिया जा रहा है। हम अर्थशास्त्र के विशेषज्ञ नहीं है और आप हमें बतायें कि क्या आप इन कानूनों को स्थगित रखने जा रहे हैं अन्यथा हम ऐसा कर देंगे।’’

अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा कि जब तक न्यायालय यह नहीं पाये कि अमुक कानून से मौलिक अधिकारों या संविधान के प्रावधानों का हनन होता है, उन पर रोक नहीं लगाई जा सकती है। कानून बनाने के अधिकार के बगैर ही बनाये गये कानून पर रोक लगाई जा सकती है लेकिन किसी भी याचिकाकर्ता ने ऐसे मुद्दे नहीं उठाये हैं।’’

पीठ ने टिप्पणी की, ‘‘हम ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि आप समस्या हल करने में विफल रहे हैं। केन्द्र सरकार को इसकी जिम्मेदारी लेनी होगी। कानून की वजह से हड़ताल हुयी है और अब आपको ही इसे हल करना होगा।’’

पीठ ने यह भी कहा कि सामान्यतया हम किसी भी कानून पर रोक लगाने के खिलाफ हैं।

अटार्नी जनरल ने जब यह कहा कि कानूनों पर इस तरह से रोक नही लगाई जा सकती है तो पीठ ने कहा, ‘‘हम इस स्थिति में हैं। हमें यह कहते हुये खेद हो रहा है कि आप इस समस्या को हल नहीं कर सके। केन्द्र सरकार के रूप में आप समस्या और आन्दोलन का हल खोजने में विफल रहे हैं।

इसके साथ ही पीठ ने शीर्ष अदालत के पिछले साल मराठा आरक्षण कानून, 2018 के अमल पर रोक लगाने के अपने आदेश का भी हवाला दिया।

पीठ ने वेणुगोपाल ने उन फैसलों की सूची मांगी जिनमें कानून के अमल पर रोक लगाने के विषय पर विचार किया गया है।

पीठ ने कहा कि आज की तारीख तक उसे इन कानूनों का अमल स्थगित रखने के उसके प्रस्ताव के बारे में केन्द्र ने कुछ नही बताया है।

पीठ ने कहा कि इस गतिरोध को दूर करने के लिये वह पूर्व प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक समिति गठित करेगी। पीठ का मानना था कि इन कानूनों के अमल पर रोक से समस्या का समाधान खोजने में मदद मिलेगी।

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Web Title: The court raised questions on the central opposition to the suggestion to stop the implementation of agricultural laws

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