ब्लैक फंगस के उपचार की दवा की मांग और आपूर्ति में अंतर को लेकर अदालत ने चिंता जतायी
By भाषा | Updated: May 24, 2021 21:07 IST2021-05-24T21:07:13+5:302021-05-24T21:07:13+5:30

ब्लैक फंगस के उपचार की दवा की मांग और आपूर्ति में अंतर को लेकर अदालत ने चिंता जतायी
नयी दिल्ली, 24 मई दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि ब्लैक फंगस के उपचार के लिए उपयोग में आने वाली दवा 'एम्फोटेरिसिन-बी' की मांग और आपूर्ति में अंतर इतना अधिक है कि कुछ ठोस कदमों की जरूरत है।
ब्लैक फंगस कोविड-19 से उबर चुके मरीजों को अधिक प्रभावित कर रहा है।
कोविड-19 महामारी से संबंधित मुद्दों पर छह घंटे तक सुनवाई करने वाली न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने कहा कि दवा की मांग और आपूर्ति में एक तिहाई से अधिक का अंतर है, जिसको ठीक करने के लिए तेजी से कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।
पीठ ने कहा, '' वर्तमान उत्पादन एवं आपूर्ति से ऐसा जान पड़ता है कि ब्लैक फंगस के मरीजों के उपचार के लिए दवा की किल्लत ना केवल दिल्ली बल्कि देशभर में हो सकती है।''
अदालत ने यह भी कहा कि यह हालात ऑक्सीजन संकट से बेहद अलग हैं।
उन्होंने कहा, '' अगर दवा की सीमित आपूर्ति है, तो सभी को कटौती करनी होगी। हम इसे उपलब्ध कराने से संबंधित कोई आदेश कैसे पारित करें?''
केंद्र ने अदालत को मई और जून में दवा की खेप की संभावित आपूर्ति, आयात में तेजी और उत्पादन में इजाफे का संकेत दिया।
दवा की आपूर्ति बढ़ाने के बारे में केंद्र सरकार के वकील कीर्तिमान सिंह और अमित महाजन ने कहा कि मई में दवा की 1.36 लाख खुराक की आपूर्ति की उम्मीद थी और जून में यह बढ़कर 2.55 लाख रहेगी।
उन्होंने अदालत को बताया कि 7.05 लाख खुराक का आयात करने के साथ ही सरकार अन्य रास्ते भी तलाश रही है।
अदालत ने केंद्र को सभी संबंधित विवरण के साथ स्थिति रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया और मामले की अगली सुनवाई 27 मई के लिए सूचीबद्ध की।
दिल्ली सरकार के वकील ने पीठ को बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में 21 मई को ब्लैक फंगस के करीब 200 मामले थे, जोकि सोमवार को बढ़कर 475 तक पहुंच गए।
केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों पर विचार करने के बाद पीठ ने कहा, '' एक भारी अंतर है जिसे भरना है। कुछ गंभीर उपाय किए जाने की आवश्यकता है। यह इस गति से नहीं चल सकता क्योंकि मांग एवं आपूर्ति में एक तिहाई से अधिक का फर्क है। इन कदमों के बावजूद भारी अंतर है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।