न्यायालय ने केंद्र से कहा- अनिवार्य वाद पूर्व मध्यस्थता को लेकर प्रस्तावित कानून के बारे में बताएं

By भाषा | Updated: March 19, 2021 22:00 IST2021-03-19T22:00:31+5:302021-03-19T22:00:31+5:30

The court asked the Center to explain the proposed law regarding mandatory pre-mediation | न्यायालय ने केंद्र से कहा- अनिवार्य वाद पूर्व मध्यस्थता को लेकर प्रस्तावित कानून के बारे में बताएं

न्यायालय ने केंद्र से कहा- अनिवार्य वाद पूर्व मध्यस्थता को लेकर प्रस्तावित कानून के बारे में बताएं

नयी दिल्ली, 19 मार्च उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को केंद्र से पूछा कि वह बताए कि क्या वह न्यायपालिका पर से बोझ कम करने के लिए वाद दाखिल करने से पूर्व अनिवार्य मध्यस्थता के लिये किसी कानून पर विचार कर रही है।

वाद पूर्व मध्यस्थता सौहार्दपूर्ण माहौल में मध्यस्थ की मदद से पक्षकारों के बीच विवाद को सुलझाने की कोशिश को कहा जाता है, जो अदालत में मामला ले जाने या नोटिस भेजने से पहले की जाती है।

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमण्यम की पीठ ने सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि उन्होंने सुना है कि सरकार वाद पूर्व मध्यस्थता को लेकर कानून पर विचार कर रही है।

इस पर मेहता ने कहा कि उन्हें इस मामले में निर्देश लेने की जरूरत है और सरकार के इरादे से अदालत को अवगत कराने के लिए कुछ समय की जरूरत है।

इसके बाद पीठ ने मामले की सुनवाई 25 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी।

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Web Title: The court asked the Center to explain the proposed law regarding mandatory pre-mediation

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