जम्मू कश्मीरः मोदी सरकार ने बातचीत के लिए पहली बार उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती की तरफ बढ़ाया हाथ!
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 24, 2019 09:07 AM2019-08-24T09:07:09+5:302019-08-24T09:07:09+5:30
पांच अगस्त को केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर को मिले विशेष दर्जे को समाप्त कर दिया था और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया था। तभी से घाटी में हालात तनावपूर्ण हैं।
मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती की तरफ बातचीत का कदम बढ़ाया है। केंद्र सरकार घाटी में राजनीतिक चर्चा की संभावनाएं तलाश रही है। इंडियन एक्सप्रेस ने एक रिपोर्ट में उच्च पदस्थ सूत्रों के हवाले से बात लिखी है।
रिपोर्ट के मुताबिक जांच एजेंसियों के बड़े अधिकारी घाटी की दोनों बड़ी राजनीतिक पार्टियों से संपर्क में हैं। सूत्रों के मुताबिक घाटी में ऐसे हालात हमेशा नहीं रह सकते। बात-चीत की संभावनाओं की तलाश जरूरी है।
गौरतलब है कि उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को 4 अगस्त से नजरबंद रखा गया है। गृहमंत्री अमित शाह ने पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 को समाप्त करने और केंद्रशासित प्रदेश बनाए जाने की घोषणा की थी। फिलहाल उमर अब्दुल्ला को हरि निवास पैलेस और मेहबूबा मुफ्ती को श्रीनगर के चश्मेशाही में रखा गया है।
रिहाई पर स्थिति स्पष्ट नहीं
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती सहित अन्य नेताओं के कुछ और समय तक नजरबंद रहने की संभावना है क्योंकि उनकी रिहायी को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह भी साफ किया कि जम्मू कश्मीर में नजरबंद लोगों की रिहायी के बारे में कोई भी निर्णय स्थानीय प्रशासन द्वारा जमीनी स्थिति को देखते हुए किया जाएगा।
पांच अगस्त से हालात तनावपूर्ण
पांच अगस्त को केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर को मिले विशेष दर्जे को समाप्त कर दिया था और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया था। मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं फिलहाल निलंबित हैं जबकि लैंडलाइन टेलीफोन सेवाएं श्रीनगर के कुछ क्षेत्रों को छोड़कर अधिकतर स्थानों पर बहाल कर दी गई हैं। कश्मीर घाटी में कुछ स्थानों पर दुकानें और अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठान अभी भी बंद हैं। हालांकि किसी अलगाववादी समूह या अन्य संगठन द्वारा हड़ताल का आह्वान नहीं किया गया है।
समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा से इनपुट्स लेकर