नई दिल्ली: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सोमवार को केंद्र की भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार पर तीखा हमला करते हुए दावा किया कि अग्निवीरों के साथ ‘इस्तेमाल करो और फेंक दो’ जैसा व्यवहार किया जा रहा है। सदन को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा, "कुछ दिन पहले पंजाब में मैं एक अग्निवीर के परिवार से मिला, जो बारूदी सुरंग विस्फोट में शहीद हो गया। मैं उसे शहीद कह रहा हूं, लेकिन भारत सरकार उसे शहीद नहीं मानती। नरेंद्र मोदी उसे शहीद नहीं कहते, बल्कि अग्निवीर कहते हैं।"
उन्होंने कहा, "परिवार को पेंशन या मुआवजा नहीं मिलेगा, न ही उनके बेटे को शहीद के रूप में मान्यता दी जाएगी।" उन्होंने कहा कि अग्निवीरों के साथ 'इस्तेमाल करो और फेंक दो' वाले मजदूर की तरह व्यवहार किया जाता है। उन्होंने केंद्र पर भारतीय सेना के जवानों और अग्निवीरों के साथ अलग-अलग व्यवहार करके उनके बीच दरार पैदा करने का आरोप लगाया।
राहुल गांधी ने कहा, "आप अग्निवीर को छह महीने की ट्रेनिंग देते हैं और उसे चीनी कर्मियों के सामने खड़ा करते हैं, जिन्हें पांच साल की ट्रेनिंग मिलती है। इतना ही नहीं, आप लाभ के कारण जवान और अग्निवीर के बीच अंतर पैदा कर रहे हैं।" सत्ता पक्ष की ओर देखते हुए उन्होंने सवाल किया, "आप खुद को देशभक्त बताते हैं, लेकिन आप किस तरह के देशभक्त हैं?"
इस पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हस्तक्षेप किया और राहुल गांधी पर सदन में झूठ फैलाने का आरोप लगाया। सिंह ने कहा, "सरकार ड्यूटी के दौरान मरने वाले अग्निवीर के परिवार के सदस्यों को ₹1 करोड़ का मुआवजा देती है।" राहुल गांधी ने जवाब देते हुए कहा कि राजनाथ सिंह की अपनी राय है, उनकी भी अपनी राय है, लेकिन देश के अग्निवीर हकीकत से वाकिफ हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सदन ने दो बयान दर्ज किए हैं, एक विपक्ष के नेता का और दूसरा रक्षा मंत्री का। "विपक्ष के नेता ने अभी कहा कि एक करोड़ का भुगतान नहीं किया गया है, और रक्षा मंत्री ने जवाब दिया है। सदन झूठ फैलाने की जगह नहीं है। राहुल गांधी को तथ्यात्मक स्थिति पेश करनी चाहिए, और अगर वह ऐसा नहीं कर सकते हैं, तो उन्हें माफ़ी मांगनी चाहिए।"