खाद्य सुरक्षा के लाभार्थियों का पुनर्निर्धारण 2021 की अनुमानित जनसंख्या के आधार पर हो : गहलोत

By भाषा | Updated: December 28, 2021 19:24 IST2021-12-28T19:24:43+5:302021-12-28T19:24:43+5:30

The beneficiaries of food security should be re-determined on the basis of the estimated population of 2021: Gehlot | खाद्य सुरक्षा के लाभार्थियों का पुनर्निर्धारण 2021 की अनुमानित जनसंख्या के आधार पर हो : गहलोत

खाद्य सुरक्षा के लाभार्थियों का पुनर्निर्धारण 2021 की अनुमानित जनसंख्या के आधार पर हो : गहलोत

जयपुर, 28 दिसंबर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से वर्ष 2021 की अनुमानित जनसंख्या के आधार पर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थियों की सीमा का पुनर्निर्धारण करने का अनुरोध किया है।

इस संबंध में प्रधानमंत्री को लिखे पत्र मे गहलोत ने बताया कि बीते 10 वर्षों में देश के सभी राज्यों की जनसंख्या बढ़ी है और कोविड महामारी के चलते कई परिवार खाद्य सुरक्षा की पात्रता के दायरे में आ गए हैं। ऐसे में जरूरतमंद परिवारों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा वर्ष 2021 की अनुमानित जनसंख्या के अनुसार खाद्य सुरक्षा की सीलिंग का पुनर्निर्धारण किया जाना जरूरी है।

एक बयान के अनुसार मुख्यमंत्री ने लिखा है कि भारत सरकार ने खाद्य सुरक्षा योजना के अन्तर्गत राजस्थान में वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर शहरी क्षेत्र में 53 प्रतिशत तथा ग्रामीण क्षेत्र में 69 प्रतिशत की सीमा निर्धारित की हुई है।

इस सीमा के आधार पर चार करोड़ 46 लाख लाभार्थियों के लिए प्रति माह दो लाख 30 हजार 882 मीट्रिक टन गेहूं का आवंटन किया जा रहा है। जबकि वर्ष 2011 की जनगणना के बाद बीते 10 वर्षों में देश-प्रदेश की आबादी में काफी इजाफा हुआ है और इन वर्षो में स्वाभाविक रूप से कई परिवार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के पात्र हो गए हैं।

कोविड-19 से उत्पन्न परिस्थितियों के कारण भी कई परिवार एनएफएसए की पात्रता में आ गए हैं। ऐसे में वर्ष 2011 की जनसंख्या के आधार पर पात्र परिवारों की सीलिंग निश्चित करना तार्किक नहीं है।

गहलोत ने कहा कि राजस्थान में वर्ष 2021 की अनुमानित जनसंख्या आठ करोड होने की संभावना है। ऐसे में, भारत सरकार अनुमत प्रतिशत के आधार पर राज्य में लगभग 74 लाख अतिरिक्त व्यक्तियों को खाद्य सुरक्षा प्रदान करे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोनाजन्य परिस्थितियों के कारण वर्ष 2021 की जनगणना में देरी होगी। ऐसे में खाद्य सुरक्षा के दायरे में आने वाले पात्र व्यक्तियों की संख्या के पुनर्निर्धारण में भी विलंब होने की आशंका है।

उन्होंने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है कि लाभार्थियों के नाम जोड़े जाने के लिए वर्तमान में बंद की हुई अपीलीय प्रक्रिया को पुनः शुरू कराया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि खाद्य सुरक्षा के तहत प्रदेश के 4.46 करोड़ लाभार्थियों में से 4.15 करोड़ लाभार्थी ही नियमित अनाज ले रहे हैं। शेष 30 लाख परिवार पूरे वर्ष के स्थान पर कुछ माह ही अनाज लेते हैं। ऐसे में, लाभार्थियों की चयन सीमा को यदि वितरण सीमा में बदल दिया जाए तो वितरित होने वाले अनाज को 30 लाख लोगों तक पहुंचाया जा सकता है।

इस व्यवस्था में राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि सीलिंग सीमा प्रतिमाह 2.32 लाख मेट्रिक टन गेहूं से अधिक का उठाव न हो।

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