तो इस वजह से बीजेपी ने किया अजित पवार पर भरोसा, अमित शाह ने बताई वजह
By स्वाति सिंह | Updated: November 27, 2019 20:30 IST2019-11-27T20:30:48+5:302019-11-27T20:30:48+5:30
शाह ने ट्वीट किया 'मुख्यमंत्री पद का लालच देकर समर्थन लेना खरीद फ़रोख़्त नहीं है क्या? मैं शरद जी और सोनिया जी को कहता हूँ कि एक बार बोलकर देखे की मुख्यमंत्री उनका होगा और फिर शिवसेना का समर्थन लें। लगभग 100 सीटों वाला गठबंधन 56 सीट वाली पार्टी को मुख्यमंत्री पद दे रहा है ये खरीद फ़रोख़्त ही है।'

अमित शाह ने बताया कि विधायक दल का नेता होने के चलते पार्टी ने उन पर भरोसा किया था।
महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के गठबंधन सरकार बनने जा रही है। राज्य में हुए इस पूरे सियासी घमासान के बाद बीजेपी पर कई सवाल उठ रहे हैं कि उन्होंने अजित पवार पर भरोसा क्यों किया। इसी बीच केंद्रीय गृहमंत्री और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने बताया कि विधायक दल का नेता होने के चलते पार्टी ने उन पर भरोसा किया था। जबकि पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने 'सही समय' आने पर जवाब देने की बात कही।
शाह ने ट्वीट किया 'मुख्यमंत्री पद का लालच देकर समर्थन लेना खरीद फ़रोख़्त नहीं है क्या? मैं शरद जी और सोनिया जी को कहता हूँ कि एक बार बोलकर देखे की मुख्यमंत्री उनका होगा और फिर शिवसेना का समर्थन लें। लगभग 100 सीटों वाला गठबंधन 56 सीट वाली पार्टी को मुख्यमंत्री पद दे रहा है ये खरीद फ़रोख़्त ही है।'
उन्होंने आगे लिखा 'शिवसेना के सभी विधायक हमारे साथ लड़कर ही चुनाव जीतें हैं। उनका एक भी विधायक ऐसा नहीं है जिसने मोदी जी का पोस्टर ना लगाया हो। उनकी विधानसभाओं में भाजपा की विधानसभाओं से भी बड़े कटआउट्स मोदी जी के लगे थे। क्या ये सब देश और महाराष्ट्र की जनता नहीं जानती है?'
मुख्यमंत्री पद का लालच देकर समर्थन लेना खरीद फ़रोख़्त नहीं है क्या?
— Amit Shah (@AmitShah) November 27, 2019
मैं शरद जी और सोनिया जी को कहता हूँ कि एक बार बोलकर देखे की मुख्यमंत्री उनका होगा और फिर शिवसेना का समर्थन लें।
लगभग 100 सीटों वाला गठबंधन 56 सीट वाली पार्टी को मुख्यमंत्री पद दे रहा है ये खरीद फ़रोख़्त ही है। pic.twitter.com/v2guJEy8ZH
अमित शाह ने बुधवार को एक न्यूज चैनल से बाचतीत में अजित पवार से समर्थन लेने के सवाल का भी जवाब दिया। उन्होंने कहा 'अजित पवार को एनसीपी विधायक दल का नेता चुना गया था। उन्हें सरकार बनाने के लिए अधिकृत किया था। राज्यपाल ने भी सरकार बनाने को लेकर उनसे ही बात की थी। एनसीपी ने जब पहली बार सरकार बनाने में असमर्थता जताई तो उस पत्र पर भी अजित पवार के ही हस्ताक्षर थे। अब हमारे पास जो समर्थन पत्र आया, उस पर भी अजित पवार के ही हस्ताक्षर थे। उनके समर्थन के बाद ही हमने सरकार बनाने की पहल की। उसके बाद उन्होंने समर्थन न होने की बात कहकर इस्तीफा दे दिया। इस कारण बीजेपी के पास भी बहुमत नहीं रहा।' इस दौरान अजित पवार से जुड़े केस वापस लिए जाने के सवाल पर शाह ने कहा कि उनसे जुड़ा कोई केस वापस नहीं लिया गया है।'शिवसेना के सभी विधायक हमारे साथ लड़कर ही चुनाव जीतें हैं।
— Amit Shah (@AmitShah) November 27, 2019
उनका एक भी विधायक ऐसा नहीं है जिसने मोदी जी का पोस्टर ना लगाया हो। उनकी विधानसभाओं में भाजपा की विधानसभाओं से भी बड़े कटआउट्स मोदी जी के लगे थे।
क्या ये सब देश और महाराष्ट्र की जनता नहीं जानती है? pic.twitter.com/JuenoGRFbV
मैं पुनः स्पष्ट करता हूँ कि हमने शिवसेना को मुख्यमंत्री पद का कोई आश्वासन कभी नहीं दिया।
— Amit Shah (@AmitShah) November 27, 2019
हमने हर बार यहाँ तक कि जिन सभाओं में आदित्य ठाकरे या उद्धव जी हमारे साथ स्टेज पर थे हमने वहां भी कहा कि देवेन्द्र फडणवीस महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनेंगे, तब इन्होंने क्यों विरोध नहीं किया? pic.twitter.com/uIWwdjYVIF
शाह ने कहा 'मैं पुन स्पष्ट करता हूँ कि हमने शिवसेना को मुख्यमंत्री पद का कोई आश्वासन कभी नहीं दिया।हमने हर बार यहाँ तक कि जिन सभाओं में आदित्य ठाकरे या उद्धव जी हमारे साथ स्टेज पर थे हमने वहां भी कहा कि देवेन्द्र फडणवीस महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनेंगे, तब इन्होंने क्यों विरोध नहीं किया? शिवसेना के सभी विधायक हमारे साथ लड़कर ही चुनाव जीतें हैं। उनका एक भी विधायक ऐसा नहीं है जिसने मोदी जी का पोस्टर ना लगाया हो। उनकी विधानसभाओं में भाजपा की विधानसभाओं से भी बड़े कटआउट्स मोदी जी के लगे थे। क्या ये सब देश और महाराष्ट्र की जनता नहीं जानती है?'महाराष्ट्र के जनादेश का अपमान करने का काम शिवसेना ने किया है भाजपा ने नहीं।
— Amit Shah (@AmitShah) November 27, 2019
विधायकों के कैम्प लगाने वालों, चुनाव से पहले का गठबंधन तोड़ने वालों को दोष ना देकर आज भाजपा का दोष बताया जा रहा है।
अपनी विचारधारा छोड़कर, सभी मूल्यों को त्यागकर ये 3 पार्टियां सरकार बनाने जा रही हैं। pic.twitter.com/plE4evH0Me