श्रीनगर, 14 जूनः 'राइजिंग कश्मीर' के संपादक शुजात बुखारी को उनके ऑफिस के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई। उनके दो सुरक्षा गार्डों को भी गोली मारी गई जिसमें एक की मौत हो गई और दूसरा जिंदगी और मौत से जूझ रहा है। हमला उस वक्त हुआ जब बुखारी श्रीनगर के प्रेस अवेन्यू स्थित कार्यालय से बाहर निकल रहे थे। उन अज्ञात हमलावर ने ताबड़तोड़ गोलियों की बौछार कर दी। इससे पहले उनपर साल 2000 में हमला हुआ था। जिसके बाद पुलिस सुरक्षा मुहैया कराई गई थी। पत्रकार पर हमले से लोगों में रोष है। नेताओं ने एकसुर में इस हमले की निंदा की है।
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जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने लिखा- ईद की शाम को ऐसी घटना से बेहद दुखी हूं। महबूबा मुफ्ती ने बुखारी के परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि अभी कुछ दिन पहले ही वो मुझसे मिलने आए थे।
ओमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया- इन्ना इलाही वा इन्ना इलाही रजिउन। मैं इतना दुखी हूं कि मेरे पास शब्द नहीं हैं। अल्लाह उन्हें जन्नत अता करे।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लिखा, शुजात बुखारी की मौत ने हिलाकर रख दिया है। वो एक बहादुर पत्रकार थे जो कश्मीर की शांति के लिए प्रयासरत रहे।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि राइजिंग कश्मीर के संपादक की हत्या एक कायराना हरकत है। मैं संवेदनाएं शोक-संतप्त परिवार के साथ हैं।
कौन हैं शुजात बुखारी
शुजात बुखारी श्रीनगर के जाने-माने पत्रकार हैं। राइजिंग कश्मीर का संपादन करने से पहले वो 15 सालों तक द हिंदू के ब्यूरो चीफ रहे। वो कश्मीरी और उर्दू में भी लेखन करते हैं। शुजात बुखारी अदबी मरकज अध्यक्ष भी हैं जो घाटी में सबसे बड़ा साहित्यिक सांस्कृतिक संगठन माना जाता है।
रमज़ान के मद्देनजर कश्मीर में अभी किसी भी तरह के सैन्य ऑपरेशन पर रोक है। कश्मीर ने सेना का ऑपरेशन ऑलआउट फिर से शुरू करने को लेकर गुरुवार को गृहमंत्री राजनाथ सिंह के घर पर अहम बैठक हुई। हालांकि सीजफायर पर अभी कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है।
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