जम्मूः किश्तवाड़ में सुरक्षाबलों ने एक आतंकी को समाचार भिजवाए जाने तक मार गिराया था जबकि बाकी के साथ मुठभेड़ जारी थी। जबकि उधमपुर में जिन आतंकियों के साथ दो दिन मुठभेड़ चली अब उनकी तलाश की जा रही है। इसी प्रकार कठुआ जिले में 20 दिनों से सुरक्षाबलों को छका रहे आतंकी अभी तक हाथ नहीं आए हैं। इस बीच सुरक्षाबलों ने आतंकियों की आवाजाही रोकने और अमरनाथ श्रद्धालुओं की सुरक्षा के मद्देनजर नेशनल हाईवे को अपने अधीन लेते हुए गश्त को तेज किया है। एक गुप्त सूचना के आधार पर, सेना की 16वीं कोर ने किश्तवाड़ जिले के छात्रू जंगल में तलाशी और घेराबंदी अभियान शुरू किया तथा एक आतंकवादी से संपर्क स्थापित किया, जो बाद में मुठभेड़ में मारा गया।
विशेष खुफिया जानकारी के आधार पर, जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ मिलकर 9 अप्रैल को किश्तवाड़ के छात्रू जंगल में एक संयुक्त तलाशी और विनाश अभियान शुरू किया गया। उसी दिन देर शाम संपर्क स्थापित किया गया। आतंकवादियों पर प्रभावी ढंग से हमला किया गया और गोलीबारी शुरू हो गई।
सेना की 16वीं कोर ने एक बयान में कहा कि अब तक एक आतंकवादी को मार गिराया गया है। प्रतिकूल इलाके और प्रतिकूल मौसम के बावजूद हमारे बहादुर सैनिकों द्वारा लगातार अभियान जारी है। इस बीच आतंकी गतिविधियों को रोकने और सुरक्षित आवागमन सुनिश्चित करने के लिए सेना ने राष्ट्रीय राजमार्ग 44 (एनएच-44) पर सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया है।
यह राजमार्ग केंद्र शासित प्रदेश के कई हिस्सों को जोड़ता है। आतंकवादियों द्वारा हथियारों और सामान की तस्करी के लिए इसका इस्तेमाल करने की कोशिशों को नाकाम करने के उद्देश्य से सेना ने कई बड़े कदम उठाए हैं। सेना ने राजमार्ग पर दिन-रात गश्त बढ़ा दी है। खास तौर पर संवेदनशील इलाकों और महत्वपूर्ण जगहों पर नजर रखी जा रही है।
जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ मिलकर कई जगहों पर मोबाइल वाहन चेक पोस्ट (एमवीसीपी) बनाए गए हैं। ये चेक पोस्ट अचानक जांच करते हैं, जिससे आतंकियों के लिए इस मार्ग का दुरुपयोग करना मुश्किल हो गया है। इन चेक पोस्ट पर संदिग्ध वाहनों और लोगों की तलाशी ली जा रही है। सुरक्षा को और पुख्ता करने के लिए आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
प्रमुख चौराहों और राजमार्ग के प्रवेश-निकास बिंदुओं पर उन्नत वाहन स्कैनर, एआई आधारित फेस रिकग्निशन सिस्टम और ऑटोमेटेड नंबर प्लेट रिकग्निशन सिस्टम लगाए गए हैं। ये तकनीकें रियल-टाइम जानकारी देती हैं और संदिग्ध गतिविधियों को तुरंत पकड़ने में मदद करती हैं। इससे आतंकी खतरों को पहले ही रोकने में आसानी हो रही है।
सेना के अधिकारियों का कहना है कि इन उपायों से अच्छे नतीजे मिल रहे हैं। हाल के सप्ताहों में कई संदिग्ध गतिविधियों को रोका गया है। बढ़ी हुई गश्त और तकनीकी निगरानी ने आतंकियों के लिए इस राजमार्ग का इस्तेमाल मुश्किल कर दिया है। इन कदमों से आतंकी नेटवर्क को कमजोर करने में मदद मिल रही है।