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तेलंगाना: केसीआर सरकार ने राज्यपाल तमिलिसै सौंदरराजन के खिलाफ खोला मोर्चा, खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा, जानिए पूरा मामला

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: March 3, 2023 14:52 IST

तेलंगाना की केसीआर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में राज्यपाल तमिलिसै सौंदरराजन के खिलाफ दायर रिट याचिका में कहा कि विधानमंडल द्वारा पारित कुल 10 विधेयकों पर राज्यपाल को दस्तखत करने हैं लेकिन वो उन विधेयकों को जानबूझ कर मंजूरी नहीं दे रही हैं।

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ठळक मुद्देतेलंगाना सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में राज्यपाल तमिलिसै सौंदरराजन के खिलाफ दायर की रिट याचिकायाचिका में राज्यपाल द्वारा प्राशासनिक कार्यों की मंजूरी देने में देरी करने का आरोप लगाया गया हैतेलंगाना सरकार ने याचिका में राज्यपाल के सचिव और केंद्रीय कानून मंत्रालय को प्रतिवादी बनाया है

हैदराबाद:तेलंगाना सरकार ने राज्यपाल तमिलिसै सौंदरराजन द्वारा लंबित बिलों के संबंध में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। राज्य सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई रिट याचिका में बताया गया है कि राज्यपाल तमिलिसै सौंदरराजन विधानमंडल द्वारा पारित विधेयकों को मंजूरी देने में जानबूझ कर देरी कर रही हैं। इसलिए कोर्ट इस संबंध में राज्यपाल तमिलिसै सौंदरराजन को दिशा-निर्देश जारी करे।

के चंद्रशेखर राव की सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर मामले में कहा कि विधानमंडल द्वारा पारित कुल 10 विधेयकों पर राज्यपाल को दस्तखत करने हैं, जिनमें से 7 विधेयक सितंबर 2022 से लंबित हैं, जबकि तीन अन्य विधेयकों को पिछले महीने उनकी मंजूरी के लिए भेजे गए थे। तेलंगाना सरकार ने इस याचिका में राज्यपाल के सचिव के साथ-साथ केंद्रीय कानून मंत्रालय को मामले को भी प्रतिवादी बनाया है।

केसीआर सरकार के अनुसार राज्यपाल के पास सामान्य भर्ती बोर्ड विधेयक, निजी विश्वविद्यालय विधेयक, मोटर वाहन कर विधेयक और कृषि विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक जैसे विधेयक सहित कुछ अन्य विधेयक भी लंबित हैं। जिन्हें उनके द्वारा मंजूरी नहीं दी जा रही है। तेलंगाना सरकार की याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई होने की संभावना है।

मालूम हो कि यह दूसरा मौका है जब भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की सरकार राज्यपाल के खिलाफ कोर्ट घई है। इससे पहले भी पिछले महीने सरकार ने राज्य के 2023-24 बजट की मंजूरी संबंधी राज्यपाल की मंजूरी न मिलने पर तेलंगाना हाईकोर्ट का रुख किया था। हालांकि हाईकोर्ट ने इस विवाद में कोई फैसले देने की बजाय सुझाव दिया था कि दोनों पक्ष इस मुद्दे को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझा लें। जिस पर राज्य सरकार और राजभवन के वकील फौरन राजी हो गए थे।

वहीं बीते नवंबर में राज्यपाल तमिलिसै सौंदरराजन ने सत्ताधारी बीआरएस सरकार के उन आरोपों को खारिज कर दिया था कि जिसमें उनके कार्यालय पर आरोप लग रहा था कि वो राज्य सरकार द्वारा मंजूर किये कुछ विधेयकों को आगे नहीं बढ़ा रही हैं। इन सारे विवादों के बीच राज्यपाल तमिलिसै सौंदरराजन ने तेलंगाना की नवनियुक्त मुख्य सचिव शांति कुमारी द्वारा औपचारिक मुलाकात के लिए राजभवन नहीं आने के लिए कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि था राजभवन दिल्ली से ज्यादा करीब है।

राज्यपाल तमिलिसै सौंदरराजन ने कहा था, “राजभवन दिल्ली से ज्यादा करीब है। कैबिनेट सेक्रेटरी के रूप में कार्यालय संभालने के बाद भी शांति कुमारी द्वारा आधिकारिक रूप से राजभवन नहीं आना, किसी प्रोटोकॉल का पालन नहीं करना। उनका अशिष्ट आचरण दिखाता है।”

टॅग्स :Tamilisai Soundararajanतेलंगानासुप्रीम कोर्टके चंद्रशेखर रावK Chandrasekhar Rao
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