तेज प्रताप यादव को बिहार में लगने लगा है डर, CM नीतीश कुमार से की सुरक्षा बढ़ाने की मांग
By एस पी सिन्हा | Published: January 2, 2019 04:34 PM2019-01-02T16:34:07+5:302019-01-02T16:34:42+5:30
तेजप्रताप ने कहा कि पता नहीं कब कौन किसे मार दे? उन्होंने इस बात की भी आशंका जताई है कि इनके जनता दरबार में आकर कोई बम न फेंक दे।
राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव को भी अब बिहार में डर सताने लगा है। इस बात का खुलासा खुद तेजप्रताप ने आज किया और वह भी अपने भरे जनता दरबार में। दरअसल, तेजप्रताप यादव ने आम लोगों के बीच आज भी जनता दरबार लगाया था। इसी दौरान उन्होंने कहा कि मुझे कहीं आने जाने में अब काफी डर लगता है।
तेजप्रताप ने कहा कि पता नहीं कब कौन किसे मार दे? उन्होंने इस बात की भी आशंका जताई है कि इनके जनता दरबार में आकर कोई बम न फेंक दे। डर की बात करने के दौरान तेजप्रताप ने नीतीश सरकार से अपनी सुरक्षा और बढाने की मांग की है। इससे पहले तेजप्रताप ने नीतीश कुमार से बंगले की भी मांग की थी जिसे पूरा करते हुए बिहार सरकार ने उनको नया बंगला अलॉट किया है।
तेजप्रताप इन दिनों पटना में पार्टी कार्यालय में लगातार जनता दरबार लगा रहे हैं और लोगों की समस्या सुन रहे हैं। इसतरह तेज प्रताप इन दिनों बिहार के राजनीतिक गलियारे में अभी हॉटकेक बने हुए हैं। वे अपने अंदाज से लोगों के बीच छाए हुए हैं। कब वे कौन-सा फैसला ले लें? कोई नहीं कह सकता है। कब उनका कौन-सा अंदाज दिख जाए, इसके बारे में भी कोई नहीं जानता।
बीते 24 दिसंबर से उन्होंने जब से जनता दरबार लगाना शुरू किया है तब से उनके अनूठे अंदाज और आला मिजाज की झलक देखने को मिल रही है। बीते 30 दिसंबर को तेजप्रताप खुद और उनके दरबार में आए फरियादी जमीन पर बैठे। तेज की पंचायत शुरू हुई तो खुद तेजप्रताप भी कुर्सी छोड जमीन पर बैठ गए। उनके अलावा दरबार में आए सारे फरियादी भी जमीन पर ही बैठे थे। ठंड के बावजूद तेजप्रताप ने कुर्सी छोड दी और उन्होंने जमीन पर पंचायत लगाई।
वहीं, 31 दिसंबर को तेजप्रताप यादव के जनता दरबार के 8वें दिन कुछ झुग्गी-झोपडी वाले लोग उनके पास फरियाद लेकर आए। उनका कहना था कि प्रशासन ने उनका आशियाना उजाड दिया है। फिर क्या था तेजप्रताप ने अपने अनोखे अंदाज में फरियादियों को पार्टी दफ्तर में ही झोपडी डालकर रहने को कह दिया। जबकि बीते 27 दिसंबर को तेजप्रताप यादव पटना से सटे फुलवारीशरीफ थाने के बाहर धरने पर बैठ गए थे।
उन्होंने कहा था कि थानेदार ने एक महिला के साथ बदतमीजी की है। तेजप्रताप ने अपनी शिकायत में कहा है कि उनके जनता दरबार में एक महिला को परेशानी में देख उन्होंने थानेदार को बुलाया लेकिन उस पुलिस अधिकारी ने महिला की मदद करने की बजाय उसके साथ बदतमीजी की।
वहीं, 30 दिसंबर को तेजप्रताप के जनता दरबार में अनोखा नजारा तब देखने को मिला जब उनके पास फरियाद लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सत्तारूढ जदयू की एक महिला कार्यकर्ता फोजिया रानी पहुंचीं। तलाकशुदा पति पर प्रताडित करने का आरोप लगाने वाली फोजिया के लिए तेजप्रताप यादव ने तुरंत गर्दनीबाग थाने के प्रभारी को फोन लगा दिया और उनसे सवाल पूछा कि आखिर वो एक महिला की शिकायत क्यों नहीं दर्ज कर रहे हैं?
जबकि तेजसप्रताप ने एक जनवरी को छोटे भाई तेजस्वी यादव के आवास पर पैर छूकर मां राबडी देवी का आशीर्वाद लिया। नजरें मिलीं, तो दोनों भावुक हो गए। बाद में वहां से निकले तो अपने समर्थकों के आग्रह पर बांसुरी भी बजाई।
इतना ही नहीं, वे अपने समर्थकों के साथ गांधी मैदान भी गए और बापू की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। तेजप्रताप ने महागठबंधन में शामिल हिन्दुस्तान आवाम मोर्चा (हम) संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के उस बयान को सिरे से खारिज कर दिया। जिसमें उन्होंने नक्सलियों को भाई बताया था।
तेजप्रताप ने कहा कि जो आम आदमी का नहीं, वे कैसे हमारे भाई हो सकते हैं? उन्होंने कहा कि नक्सली अगर भाई हैं तो जीतनराम मांझी जाकर उनका साथ दें।