लाइव न्यूज़ :

Teachers' Day: भगवान कृष्ण ने कैसे दी थी महर्षि सांदीपनि को गुरु दक्षिणा? यमलोक से ले आए थे मृत पुत्र, जानें पूरी कहानी

By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: September 4, 2024 16:36 IST

गुरू सांदीपनि की पत्नी को पता था कि कृष्ण कोई साधारण मनुष्य नहीं बल्कि साक्षात विष्णु के अवतार हैं। ऐसे में गुरु माता ने भगवान कृष्ण से एक खास मांग रख दी। गुरु माता ने कहा कि शंखासुर नाम का एक दैत्य मेरे पुत्र को उठाकर ले गया है। उसे ले लाओ।

Open in App
ठळक मुद्दे हमारे देश की महान परंपरा में गुरुओं का काफी ज्यादा महत्व हैगुरु माता ने भगवान कृष्ण से एक खास मांग रख दी थीशंखासुर नाम के दैत्य को मारकर पुत्र वापस लाए थे श्रीकृष्ण

Teachers' Day 2024 : 5 सितंबर को भारत में शिक्षक दिवस मनाया जाता है। हमारे देश की महान परंपरा में गुरुओं का काफी ज्यादा महत्व है। सनातन धर्म में गुरू का स्थान भगवान से भी ऊपर माना गया है। प्राचीन काल में जब बच्चे गुरुकुल जाते थे तो पूरी शिक्षा प्राप्त करने के बाद ही वापस घर लौटते थे। शिक्षा पूरी होने के बाद गुरू को दक्षिणा देने की परंपरा भी थी। भारत देश की महान धरती पर तो भगवान ने भी कई अवतार लिए। मानव रूप में अवतार लेने वाले भगवान कृष्ण और भगवान राम भी शिक्षा लेने के लिए गुरू की शरण में पहुंचे थे। गुरू-शिष्य संबंध की एक कहानी काफी प्रचलित है तो भगवान कृष्ण और उनके गुरू सांदीपनि ऋषि से संबंधित है। 

भगवान श्रीकृष्ण ने कैसे दी थी गुरू सांदीपनि को गुरु दक्षिणा

जब भगवान कृष्ण की शिक्षा समाप्त हो गई तो बारी आई गुरु दक्षिणा देने की। जब भगवान कृष्ण ने गुरू सांदीपनि से दक्षिणा के बारे में पूछा तो उन्होंने मना कर दिया। लेकिन गुरू सांदीपनि की पत्नी को पता था कि कृष्ण कोई साधारण मनुष्य नहीं बल्कि साक्षात विष्णु के अवतार हैं। ऐसे में गुरु माता ने भगवान कृष्ण से एक खास मांग रख दी। गुरु माता ने कहा कि शंखासुर नाम का एक दैत्य मेरे पुत्र को उठाकर ले गया है। उसे ले लाओ। 

गुरु माता की आज्ञा मिलने के बाद भगवान कृष्ण उनके पुत्र की खोज में निकल गए। उन्हें पता चला कि शंखासुर समुद्र में रहता है। समुद्र के देवता ने भगवान कृष्ण को बताया कि दैत्य शंख के रूप में रहता है।  भगवान श्रीकृष्ण शंखासुर को मार दिया लेकिन गुरू सांदीपनि का पुत्र नहीं मिला। इसके बाद श्रीकृष्ण शंखासुर के शरीर का शंख लेकर यमलोक पहुंच गए। यमलोक में भगवान कृष्ण ने यमराज को पूरी बात बताई। इसके बाद यमराज ने भगवान कृष्ण को  गुरू सांदीपनि का मृत पुत्र लौटा दिया। भगवान कृष्ण उसे जीवित रूप में लेकर गुरुकुल पहुंचे और गुरू माता को सौंप दिया।

पाञ्चजन्य शंख समुद्र में ही मिला था

भगवान कृष्ण ने जिस दैत्य शंखासुर को मारकर अपने गुरु के पुत्र पुनरदत्त को वापस लाया था वह दैत्य पाञ्चजन्य शंख में रहता था। दैत्य को मारने के बाद शंख श्रीकृष्ण के पास आ गया। पाञ्चजन्य शंख था जिसकी ध्वनि कई मील तक सुनाई देती थी। किसी युद्ध से पहले जब भगवान कृष्ण पान्चजन्य शंख फूंकते थे तो शत्रु सेना ध्वनि सुनकर ही डर जाती थी।

टॅग्स :शिक्षक दिवसभगवान कृष्ण
Open in App

संबंधित खबरें

पूजा पाठBhagwat Geeta: गीता की विचारधारा सदियों से मानवीय चिंतन को प्रभावित करती रही है?

पूजा पाठठाकुर जी की कृपा के बिना श्रीमद भागवत का श्रावण संभव नहीं: चारु लाडली

पूजा पाठमथुरा के बांके बिहारी मंदिर में बड़ा बदलाव, जगमोहन में प्रवेश और दर्शन पर रोक

पूजा पाठवृंदावन श्री बांके बिहारी मंदिरः घर बैठे ऑनलाइन दर्शन कीजिए?, 2026 में खुशखबरी, जानें कैसे करें रजिस्ट्रेशन

पूजा पाठGovardhan Puja: ब्रज में गोवर्धन पूजा लोक धर्म की स्थापना का विजय पर्व...

भारत अधिक खबरें

भारतरेपो दर में कटौती से घर के लिए कर्ज होगा सस्ता, मांग बढ़ेगी: रियल एस्टेट

भारतModi-Putin Talks: यूक्रेन के संकट पर बोले पीएम मोदी, बोले- भारत न्यूट्रल नहीं है...

भारतPutin India Visit: एयरपोर्ट पर पीएम मोदी ने गले लगाकर किया रूसी राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत, एक ही कार में हुए रवाना, देखें तस्वीरें

भारतPutin India Visit: पुतिन ने राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी, देखें वीडियो

भारतIndiGo Crisis: इंडिगो के उड़ानों के रद्द होने पर राहुल गांधी ने किया रिएक्ट, बोले- "सरकार के एकाधिकार मॉडल का नतीजा"