अपनी शब्दों की गहराई से दिल को छूता साहित्य, भावनात्मक सौंदर्य को और निखारकर अमर बना देती कला?
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 27, 2025 17:02 IST2025-11-27T17:01:28+5:302025-11-27T17:02:32+5:30
उत्कृष्ट कला-कौशल और खूबसूरत रंग-संयोजनों के माध्यम से उन्होंने इस पंक्ति को एक मनमोहक कलाकृति का रूप प्रदान किया है।

सांकेतिक फोटो
जमशेदपुरः जमशेदपुर में साहित्य और कला का ऐसा ही मनमोहक संगम देखने को मिला, जिसने न केवल लोगों का ध्यान आकर्षित किया बल्कि उनके दिलों पर गहरी छाप भी छोड़ दी। जब शब्दों की संवेदनशीलता और कला की सौंदर्यपूर्ण अभिव्यक्ति एक साथ मिलती हैं, तो एक ऐसा अनुभव जन्म लेता है जो सीधा आत्मा को स्पर्श करता है। इसी क्रम में जमशेदपुर के प्रसिद्ध लेखक अंशुमन भगत द्वारा लिखी प्रेरणादायी पंक्ति - “हर मुश्किल एक मोड़ है, अंत नहीं।” इन दिनों ख़ास चर्चा का विषय बनी हुई है। यह पंक्ति लोगों को जीवन की चुनौतियों को नए दृष्टिकोण से देखने की प्रेरणा देती है।
लेखक का संदेश स्पष्ट है जीवन में आने वाली कठिनाइयाँ अंत का संकेत नहीं, बल्कि आगे बढ़ने का अवसर होती हैं। यह विचार किसी भी संघर्ष से गुजर रहे व्यक्ति को संबल देता है और यह एहसास कराता है कि हर चुनौती एक मोड़ है जिसे पार करना ही जीवन का सच्चा मंत्र है। इस प्रेरणादायी विचार को और भी आकर्षक रूप दिया है शहर की प्रतिभाशाली कैलीग्राफी कलाकार शिवांगी पांडे ने।
अपनी उत्कृष्ट कला-कौशल और खूबसूरत रंग-संयोजनों के माध्यम से उन्होंने इस पंक्ति को एक मनमोहक कलाकृति का रूप प्रदान किया है। कागज़ पर उकेरे गए सुंदर अक्षर, कलात्मक पुष्प-आकृतियाँ, और उस पर पड़ती प्राकृतिक रोशनी, इन सभी के मेल से बनी यह कलाकृति देखते ही दिल को छू लेती है।
इसे देखकर महसूस होता है कि जब साहित्य और कला एक साथ आते हैं, तो एक रचना सिर्फ पढ़ी नहीं जाती, बल्कि महसूस की जाती है। शिवांगी की यह कलाकृति न केवल लेखक की सोच को और प्रभावी बनाती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि कला किसी भी शब्द को जीवन प्रदान कर सकती है। साहित्य और कला का यह अनोखा संगम जमशेदपुर की रचनात्मकता और प्रतिभा का सुंदर उदाहरण है, जहाँ शब्द विचारों को जन्म देते हैं और कला उन्हें अमर बना देती है।
