पटना: पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तारिक अनवर ने कहा है कि भले ही बिहार में इस बार कांग्रेस ने प्रदर्शन ठीक नहीं किया और हार हुई है, लेकिन उससे हमलोग निराश नहीं हैं. बिहार में फिर से कांग्रेस को खड़ा करेंगे. इस दौरान पार्टी के नेताओं को नसीहत भी दे डाली. इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह देश को तानाशाह की तरह चलाना चाहते हैं. लेकिन लोकतांत्रिक देश में ऐसा संभव नहीं है. पीएम मोदी कोई भी फैसला पहले कर लेते हैं और सलाह-मशविरा बाद में करते हैं. किसान कानून के साथ भी ऐसा ही हुआ. देश के किसान इसे कभी नहीं कबूल करेंगे.
राजधानी पटना में पत्रकारों के साथ बातचीत के दौरान तारिक अनवर ने कहा कि बिहार में भी कांग्रेस कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन करेगी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की आज बैठक में सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि राहुल गांधी से फिर से पार्टी अध्यक्ष पद संभालने का आग्रह किया जाएगा. उन्होंने कहा कि चुनाव में हार होने पर छोटे नेता तक अपना पद छोड़ने के लिए तैयार नहीं होते हैं. वह हर हाल में पद पर बने रहना चाहते हैं. लेकिन ऐसे लोगों को राहुल गांधी से सिखना चाहिए. 2019 में लोकसभा चुनाव हारने के बाद जिम्मेवारी लेते हुए उन्होंने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया था. उनकी जितनी भी तारीफ की जाए वह कम होगी. ऐसा कोई राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं किया हैं. तारिक अनवर ने कहा कि एक समय था जब बिहार में कांग्रेस की जड़ मजबूत होती थी. एक बार फिर से कांग्रेस को उसी स्थिति में लाना है. एक हार से हम निराश होने वाले नहीं हैं. बिहार में हार की जिम्मेवारी कौन लेगा इसको लेकर तारिक ने कहा कि इसका फैसला तो आलाकामन को करना हैं.
उन्होंने कहा कि बिहार में किसानों की स्थिति खराब है. यहां के किसानों को एमएसपी नहीं मिल रहा है. आज किसानों को कांग्रेस की जरूरत है. पार्टी भी उनके साथ मजबूती के साथ खड़ी है. नोटबंदी के दौरान भी केंद्र सरकार ने बिना सोचे समझे लागू कर दिया. जिसके कारण देश में बेरोजगारी बढी है. कृषि बिल के दौरान भी सरकार को पहले बातचीत करनी चाहिए थी. लेकिन सरकार ने नहीं किया. जिसके कारण लाखों किसान आज सडक पर उतरे हैं. यहां बता दें कि इससे पहले भी तारिक ने बिहार में कांग्रेस की हार को लेकर यहां के नेताओं पर निशाना साधते हुए नेतृत्व परिवर्तन की जरूरत बताई थी और कहा था कि इस हार की जिम्मेवारी नेताओं को लेनी चाहिए.