मुंबईः स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत ने मंगलवार को दावा किया कि महाराष्ट्र में सरकार बदलने की प्रक्रिया देवेंद्र फड़नवीस के निर्देश पर शुरू हुई थी। महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस सरकार जून 2022 में शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे के विद्रोह के बाद गिर गई, जिन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता फड़नवीस के साथ मिल कर नयी सरकार बनायी थी।
सावंत ने धाराशिव में संवाददाताओं से कहा, “हम (शिंदे खेमे के शिवसेना नेता) और देवेंद्र जी ने बैठकें कीं। मैंने और वर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दो साल की अवधि में (ठाकरे सरकार को गिराने के लिए) 100 से 150 बैठकें कीं।” सावंत ने कहा, “देवेंद्र फड़नवीस के आदेश पर शिवसेना और भाजपा धाराशिव जिला परिषद में एक साथ आए...यह वहीं से शुरू हुआ।”
सावंत ने यह भी कहा कि उन्होंने ही पहले जाकर मातोश्री में बगावत का बिगुल बजाया था। बकौल सावंत- कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाना राज्य की 12 करोड़ जनता का अपमान था, जिन्होंने शिवसेना-भाजपा के गंठबंधन को वोट दिया था।
उधर, तानाजी के बयान के बाद विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इससे साफ है कि बगावत के बीज शिंदे गुट के विधायकों के दिमाग में बहुत पहले से थे। महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे (उद्धव गुट के नेता) ने कहा, बागी विधायकों ने आरोप लगाया था कि ठाकरे पार्टी विधायकों से नहीं मिलते और मंत्रियों, विधायकों को फंड नहीं दिया जाता, इससे साफ है कि उनका यह बहाना खोखला था।