हाई कोर्ट ने 38 साल पुराना वीडियो देखकर किया फैसला, गर्भवती नहीं थी जयललिता, जानिए क्या थी वजह
By भाषा | Published: July 25, 2018 07:14 PM2018-07-25T19:14:42+5:302018-07-25T19:14:42+5:30
महिला का दावा था कि जयललिता ने उन्हें जन्म दिया और उसे एक अन्य व्यक्ति को गोद दे दिया था। वह उन्हें अपनी मां साबित करने के लिए डीएनए टेस्ट कराने की मांग कर रही है।
चेन्नई, 25 जुलाई: तमिलनाडु सरकार ने मद्रास उच्च न्यायालय को जुलाई 1980 के एक कार्यक्रम में जलयलिता की मौजूदगी से जुड़ा एक वीडियो क्लिप पेश किया है। सरकार का तर्क है कि यह वीडियो क्लिप इस महिला के दावे को गलत साबित करता है कि वह दिवंगत मुख्यमंत्री की जैविक पुत्री है।राज्य के महाधिवक्ता विजय नारायण ने न्यायमूर्ति वैद्यनाथन के समक्ष इस वीडियो की एक प्रति पेश की।
उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि जयललिता ने 14 अगस्त 1980 को उन्हें जन्म दिया था लेकिन ठीक एक महीने पहले जब वह 27 वें फिल्मफेयर अवार्ड समारोह में शामिल हुयीं तो कहीं से भी ऐसा नजर नहीं आया कि वह गर्भावस्था के आखिरी महीनों में थीं।
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नारायण अदालत में बेंगलुरू की महिला की याचिका पर अपनी दलीलें पेश कर रहे थे। महिला का दावा था कि जयललिता ने उन्हें जन्म दिया और उसे एक अन्य व्यक्ति को गोद दे दिया था। वह उन्हें अपनी मां साबित करने के लिए डीएनए टेस्ट कराने की मांग कर रही है।
दिसंबर 2016 में जयललिता की मौत के बाद दायर याचिका में महिला ने दावा किया था कि गोद लेने वाले उनके पिता ने उनकी मां के निधन के कुछ समय पहले इस तथ्य का खुलासा किया था। जयललिता जयराम की मृत्यु 68 साल की उम्र में 8 दिसम्बर 2016 को दिल का दौरा पड़ने से हुआ था। जयललिता जयराम भारतीय राजनीतिज्ञ तथा तमिलनाडु की मुख्यमंत्री थीं। वो दक्षिण भारतीय राजनैतिक दल ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (अन्ना द्रमुक) की महासचिव थीं। इससे पूर्व वो 1991 से 1996 , 2001 में, 2002 से 2006 तक और 201 से 2014 तक तमिलनाडु की मुख्यमंत्री रहीं। राजनीति में आने से पहले वह एक अभिनेत्री थीं।
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