चेन्नई: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के स्थानीय अधिकारियों के गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान तमिल राजकीय गीत पर खड़े न होने और उसका एक कथित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद अधिकारियों पर राजकीय गीत का अपमान करने की शिकायत दर्ज कराई गई है।
जब 'तमिल थाई वजाथु' गान गाया जा रहा था, तब अधिकारी कथित तौर पर बैठे थे। एक कथित वीडियो में जब दर्शक अधिकारियों से पूछते हैं कि वे राष्ट्रगान के दौरान खड़े क्यों नहीं हुए, तो उन्हें यह कहते हुए सुना जाता है कि मद्रास हाईकोर्ट ने कहा है कि ऐसा करने की आवश्यकता नहीं है। एकत्र हुए लोग जब राज्य सरकार द्वारा पारित आदेश का हवाला देते हैं तो अधिकारी मौके से जाते हुए नजर आते हैं।
ग्रेटर चेन्नई पुलिस में ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराने वाले मद्रास हाईकोर्ट के वकील जी. राजेश के अनुसार, अधिकारियों ने हाईकोर्ट के फैसले और राज्य सरकार द्वारा जारी आदेश की गलत व्याख्या करके 'तमिल थाई वजाथु' के लिए खड़ा होने से इनकार कर दिया।
उन्होंने आरोप लगाया कि आरबीआई अधिकारियों ने राष्ट्रगान का अपमान करके राज्य सरकार के आदेश का उल्लंघन किया है, जिससे कानून और व्यवस्था का मुद्दा पैदा हुआ है और सार्वजनिक शांति भंग हुई है। उन्होंने पुलिस से विस्तृत जांच करने और अधिकारियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई शुरू करने का अनुरोध किया।
तमिलनाडु सरकार ने तमिल मातृभूमि की प्रशंसा में गाए जाने वाले गीत ‘तमिल थाई वजाथु’ को पिछले साल दिसंबर में ‘राज्य गीत’ घोषित किया था।
इसके साथ ही सरकार ने निर्देश दिया था कि इसके गायन के दौरान मौजूद सभी लोग खड़े रहें। आदेश में कहा गया है कि इस गाने के प्रसारित होने के दौरान सिर्फ दिव्यांग व्यक्तियों को ही खड़े होने से सुरक्षा दी गई है। यह सभी सार्वजनिक जगहों, शैक्षिक संस्थानों और सरकारी दफ्तरों में गाया जाना अनिवार्य है।
हालांकि ये फैसला मद्रास हाईकोर्ट की टिप्पणी के विपरित है क्योंकि राज्य सरकार के आदेश से पहले हाईकोर्ट ने एक दूसरे मामले की सुनवाई के दौरान ये साफ किया था कि “तमिल थाई वजाथु” सिर्फ एक प्रार्थना गीत है।
वित्त और मानव संसाधन प्रबंधन मंत्री पीटीआर पलानीवेल थियागा राजन, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री मनो थंगराज और डीएमके सांसद कनिमोझी सहित राज्य के कैबिनेट मंत्रियों और अन्य राजनीतिक दलों ने घटना की निंदा की है।