चेन्नई: तिरुवल्लुर जिले के एक आश्रम में मंगलवार को कथित तौर पर कीटनाशक खाने से 20 वर्षीय एक कॉलेज छात्र हेमामालिनी की मौत हो गई। पुलिस स्वयंभू संत मुनुसामी से पूछताछ कर रही है। मुनुसामी एक साल से अधिक समय से विभिन्न बीमारियों का इलाज कर रहे थे। वहीं महिला के माता-पिता ने पुलिस को बताया कि उन्हें साजिश की आशंका है।
TOI में छपी खबर के मुताबिक, हेमामालिनी एक निजी इंजीनियरिंग कॉलेज में बीएससी कंप्यूटर साइंस कर रही थी। मंगलवार की सुबह आश्रम में उसे उल्टी होने लगी जिसके बाद उसकी चाची इंद्राणी ने मुनुसामी से कहा कि उसे अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत है। मुनुसामी ने घंटों के बाद ऑटोरिक्शा की व्यवस्था की। अस्पताल जाने के बाद डॉक्टरों ने बताया कि हेमामालिनी ने कीटनाशक का सेवन किया था। इलाज शुरू होने से पहले ही उसकी मौत हो गई। उसके शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। युवती की मौत के बाद सोशल मीडिया पर लोग न्याय की मांग कर रहे हैं। ट्विटर पर सुबह से ही #Justice4Hemamalini ट्रेंड कर रहा है।
मुनुसामी का पूंडी के पास वेल्लाथुकोट्टई में एक आश्रम है। वह पूजा और जड़ी-बूटियों से बीमारियों को ठीक करने का दावा करता है। युवती के माता-पिता 2020 में हेमामालिनी को पेट और गर्दन में दर्द जैसी विभिन्न पुरानी बीमारियों के इलाज की उम्मीद में आश्रम लाए थे। पुलिस ने कहा कि वह तब से वहीं रह रही थी, मुनुसामी ने हाल ही में ऑफलाइन कक्षाएं शुरू होने पर भी उसे घर भेजने से मना कर दिया था।
मुनुसामी ने हेमामालिनी के माता-पिता से कहा कि उनके पास कुछ 'दोष' हैं और पूजा अमावस्या और पूर्णिमा के दिनों में की जानी चाहिए। उसके माता-पिता ने पुलिस को बताया कि उसे देर रात पूजा में शामिल होने के लिए भी मजबूर किया गया था। बहुत से लोग, ज्यादातर महिलाएं, शीघ्र विवाह के लिए आशीर्वाद लेने के लिए आश्रम आती हैं। वे देर रात पूजा करने के लिए भी वहीं रुकते हैं।