तमिलनाडुः मेडिकल कॉलेज में सरकारी स्कूल के छात्रों के लिए 7.5% आरक्षण मिलता रहेगा, मद्रास उच्च न्यायालय का फैसला

By सतीश कुमार सिंह | Updated: April 7, 2022 18:28 IST2022-04-07T18:23:20+5:302022-04-07T18:28:41+5:30

Medical Reservation: मद्रास उच्च न्यायालय पीठ ने फैसला में कहा कि हर 5 साल में इसकी समीक्षा की जाएगी। कोटा समिति ने भी इस बात का सुझाव दिया था।

​​​​​​​Tamil Nadu Medical 7-5 percent reservation seats Medical Colleges government school student Madras High Court  | तमिलनाडुः मेडिकल कॉलेज में सरकारी स्कूल के छात्रों के लिए 7.5% आरक्षण मिलता रहेगा, मद्रास उच्च न्यायालय का फैसला

सामान्य वर्ग के छात्रोंं के पास केवल 31 प्रतिशत सीटें रह गई है। अब 7.5 फीसदी अतिरिक्त आरक्षण इसमें और कमी लाएगा।

Highlightsमुख्य न्यायाधीश मुनीश्वर नाथ भंडारी और न्यायमूर्ति डी भरत चक्रवर्ती की पीठ ने यह फैसला सुनाया।तमिलनाडु प्रवेश की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं के एक बैच में निर्णय पारित किया था।

Medical Reservation: मद्रास उच्च न्यायालय ने गुरुवार को मेडिकल पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए सरकारी स्कूलों के लिए तमिलनाडु सरकार द्वारा 7.5 प्रतिशत आरक्षण को बरकरार रखा है। मुख्य न्यायाधीश मुनीश्वर नाथ भंडारी और न्यायमूर्ति डी भरत चक्रवर्ती की पीठ ने यह फैसला सुनाया।

पीठ ने फैसला में कहा कि हर 5 साल में इसकी समीक्षा की जाएगी। कोटा समिति ने भी इस बात का सुझाव दिया था।मद्रास उच्च न्यायालय ने यह फैसला इस आरक्षण की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली कोटा के जवाब में सुनाया। याचिकाकर्ता ने कहा था कि राज्य में पहले से ही 69 प्रतिशत आरक्षण लागू है।

याचिकाकर्ता ने कोर्ट में कहा कि सामान्य वर्ग के छात्रोंं के पास केवल 31 प्रतिशत सीटें रह गई है। अब 7.5 फीसदी अतिरिक्त आरक्षण इसमें और कमी लाएगा। सरकार के छात्रों के लिए तरजीही आधार पर चिकित्सा, दंत चिकित्सा, भारतीय चिकित्सा और होम्योपैथी में स्नातक पाठ्यक्रमों में तमिलनाडु प्रवेश की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं के एक बैच में निर्णय पारित किया था।

सरकार ने कोर्ट में कहा कि इस तरह के आरक्षण का विस्तार करने का इरादा सरकारी स्कूल के छात्रों का उत्थान करना है, जो आर्थिक, सामाजिक और शैक्षिक पिछड़ेपन से परेशान हैं। इससे पहले, याचिकाकर्ता के वकील, वरिष्ठ वकील श्रीराम पंचू ने तर्क दिया कि अनुच्छेद 15(1) इस तरह की स्थिति पर लागू नहीं हो सकता क्योंकि अनुच्छेद 15(1) बहुत ही असाधारण श्रेणियों के लिए है।

उन्होंने कहा कि सरकार एक वर्ग को एक वर्ग के भीतर लाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस तरह का वर्गीकरण सरकारी स्कूलों के लिए एक तरजीही व्यवहार है, जिसे सरकार द्वारा उचित ठहराया जाना चाहिए। राज्य की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि विभिन्न वर्गों के छात्रों के विकास के बीच एक महत्वपूर्ण अंतर है।

उन्होंने जोर दिया कि समूह के भीतर असमानताओं को भी संबोधित किया जाना चाहिए। उच्च शिक्षा विभाग की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता पी. विल्सन ने अपनी लिखित दलील में तर्क दिया कि सरकारी स्कूलों के छात्रों के लिए 7.5 प्रतिशत सीटों के आवंटन को 'आरक्षण' भी नहीं कहा जा सकता है, बल्कि इसे केवल प्रवेश का स्रोत बनाने के रूप में माना जा सकता है। जिसके लिए संविधान की सातवीं अनुसूची की प्रविष्टि 25, सूची III के तहत राज्य को अधिकार प्राप्त है।

Web Title: ​​​​​​​Tamil Nadu Medical 7-5 percent reservation seats Medical Colleges government school student Madras High Court 

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