तमिलनाडु: राज्यपाल आरएन रवि का 'यू टर्न', मंत्री सेंथिल बालाजी की मंत्रिमंडल से बर्खास्तगी का आदेश लिया वापस
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: June 30, 2023 07:18 AM2023-06-30T07:18:27+5:302023-06-30T07:23:56+5:30
तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने बेहद नाटकीय घटनाक्रम में अपने फैसले से यू-टर्न लेते हुए मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में जेल में बंद स्टालिन सरकार के मंत्री वी सेंथिलबालाजी की बर्खास्तगी के आदेश को कुछ ही घंटों के भीतर रद्द कर दिया।
चेन्नई: तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने बेहद नाटकीय घटनाक्रम में अपने फैसले से यू-टर्न लेते हुए मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में जेल में बंद स्टालिन सरकार के मंत्री वी सेंथिलबालाजी की बर्खास्तगी के आदेश को कुछ ही घंटों के भीतर रद्द कर दिया।
इस संबंध में राजभवन के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राज्यपाल रवि ने केंद्रीय गृहमंत्रालय से इस संबंध में दी गई सलाह के आधार पर अपना आदेश रद्द करने का फैसला दिया क्योंकि राज्यपाल द्वारा दिये गये मंत्री के बर्खास्तगी को स्टालिन सरकार ने राज्यपाल के अधिकार क्षेत्र के बाहर का फैसला बताया और साथ ही इसे कोर्ट में चुनौती देने की भी बात कही।
जानकारी के अनुसार राज्य सरकार के क़े विरोध के कारण गृह मंत्रालय की ओर से उन्हें अपने फैसले को वापस लेने की सलाह दी गई। इस मामले में घटनाक्रम बेहद तेजी से उस वक्त बदला जब सूबे के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने राज्यपाल रवि द्वारा मंत्री बालाजी के आदेश पर बयान जारी करते हुए कहा, "राज्यपाल के पास किसी मंत्री को बर्खास्त करने की शक्ति नहीं है और हम कानूनी रूप से इसका सामना करेंगे।"
इससे पूर्व गुरुवार शाम में राजभवन की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा था, “ऐसी उचित आशंकाएं हैं कि मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में गिरफ्तार मंत्रिपरिषद में शामिल वी सेंथिलबालाजी के मंत्री बने रहने से निष्पक्ष जांच सहित कानून की उचित प्रक्रिया पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, जिससे राज्य में संवैधानिक तंत्र टूटने का खतरा है। इन परिस्थितियों में माननीय राज्यपाल ने वी सेंथिलबालाजी को तत्काल प्रभाव से मंत्रिपरिषद से बर्खास्त कर दिया है।"
इसके साथ ही राजभवन ने यह भी कहा था, "मंत्री बालाजी को कथिततौर पर नौकरियों के लिए नकद लेने और मनी लॉन्ड्रिंग सहित भ्रष्टाचार के कई गंभीर मामलों में आपराधिक कार्यवाही का सामना करना पड़ रहा है और ऐसे में एक मंत्री के रूप में वो अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग करते हुए जांच को प्रभावित कर रहे हैं और कानून और न्याय की उचित प्रक्रिया में बाधा डाल रहे हैं।"
मालूम हो कि सेंथिलबालाजी को पिछले हफ्ते कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था और कोरोनरी बाईपास सर्जरी के बाद से वह अस्पताल में भर्ती हैं। दो अन्य मंत्रियों को उनके विभाग पुनः आवंटित करते समय राज्यपाल ने स्टालिन सरकार से कहा था कि वह सेंथिलबालाजी को बिना पोर्टफोलियो के मंत्री के रूप में बनाए रखने के मुख्यमंत्री के फैसले से "असहमत" हैं।