तमिलनाडु: डीएमके राज्यपाल आरएन रवि को सेंथिल बालाजी प्रकरण में घेर सकती है, पार्टी में हो रहा है मंथन

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 30, 2023 11:28 AM2023-06-30T11:28:50+5:302023-06-30T11:35:16+5:30

डीएमके राज्यपाल आरएन रवि द्वारा मंत्रिमंडल से मंत्री बालाजी को बर्खास्तगी के फैसले को वापस लेने के बावजूद उन्हें राजनीतिक और कानूनी पहलुओं पर घेर सकती है।

Tamil Nadu: DMK may corner Governor RN Ravi in ​​Senthil Balaji episode, churning is going on in the party | तमिलनाडु: डीएमके राज्यपाल आरएन रवि को सेंथिल बालाजी प्रकरण में घेर सकती है, पार्टी में हो रहा है मंथन

तमिलनाडु: डीएमके राज्यपाल आरएन रवि को सेंथिल बालाजी प्रकरण में घेर सकती है, पार्टी में हो रहा है मंथन

Highlightsडीएमके राज्यपाल आरएन रवि को बालाजी प्रकरण में खड़ा कर सकती है कटघरे में डीएमके आलाकमान राज्यपाल रवि को कानूनी और सियासी तौर पर घेरते पर विचार कर रहा हैराज्यपाल के फैसले के खिलाफ चेन्नई में लगे पोस्टर, राजभवन को लिया गया निशाने पर

चेन्नई: राज्यपाल आरएन रवि द्वारा मंत्री सेंथिल बालाजी के स्टालिन सरकार से बर्खास्तगी का आदेश देना और बाद में उस आदेश को रद्द किये जाने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। खबरों के अनुसार सत्ताधारी डीएमके पार्टी राज्यपाल द्वारा मंत्रिमंडल से मंत्री बालाजी को बर्खास्तगी के फैसला को वापस लेने के बावजूद राज्यपाल रवि के कदम पर राजनीतिक विकल्पों और कानूनी पहलुओं से घेरने पर विचार कर रही है।

जानकारी के अनुसार डीएमके के शीर्ष नेताओं ने इस संबंध में शुक्रवार को कहा कि द्रमुक आलाकमान इस विवाद में कानूनी एवं राजनीतिक रणनीति तैयार करने के लिए अपने नेताओं के साथ बैठक कर सकता है। समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए एक डीएमके नेता कहा, ‘‘राज्यपाल अपने फैसले से पीछे हट गए हैं और उनका पूरी तरह से पर्दाफाश हो गया है।’’

उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में द्रमुक को निशाना बनाने की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की हर चाल उल्टी पड़ रही है। सूत्रों ने कहा कि मामले में कानूनी पहलुओं या अन्य कदमों (मसलन, निलंबन को लेकर राजनीतिक हितों की संभावना और इसे विफल करने की जवाबी रणनीति) पर ‘तत्काल’ विचार करने की जरूरत नहीं है क्योंकि फैसले पर अब रोक लगा दी गई है।

दरअसल बीते गुरुवार को राज्यपाल ने बालाजी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने के कुछ घंटों बाद अपना फैसला स्थगित कर दिया था। हालांकि डीएमके सूत्रों ने कहा कि पार्टी राज्यपाल की कथित ज्यादतियों के लिए उन्हें घेरने और सही समय पर भाजपा से राजनीतिक लड़ाई लड़ने के लिए कानूनी विकल्पों पर विचार कर सकती है। बालाजी की गिनती कोंगु क्षेत्र के प्रभावशाली नेताओं में होती है। कुछ साल पहले डीएमके में शामिल होने से पूर्व वह एआईएडीएमके में थे।

सत्ताधारी द्रमुक ने शुक्रवार को दावा किया कि राजभवन ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के हस्तक्षेप के बाद बालाजी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने का फैसला कुछ ही घंटों बाद वापस ले लिया। द्रमुक से जुड़े अखबार ‘मुरासोली’ में प्रकाशित खबर में कहा गया है कि ‘‘केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर बर्खास्तगी आदेश पर पांच घंटे के भीतर रोक लगा दी गई।’’

पूरे घटनाक्रमों के बारे में बताते हुए खबर में कानूनी विशेषज्ञों और पार्टी नेताओं द्वारा फैसले के संबंध में की गई ‘कड़ी निंदा’ को रेखांकित किया गया। खबरों के अनुसार आधी रात को ‘सूचना’ आई कि मामले पर अटॉर्नी जनरल की राय जानने के लिए बर्खास्तगी आदेश को स्थगित किया जा रहा है। उसमें कहा गया है कि राज्यपाल के फैसले पर पांच घंटे के भीतर रोक लगा दी गई।

राज्यपाल ने बृहस्पतिवार देर शाम मुख्यमंत्री एमके स्टालिन को भेजे पत्र में कहा था कि वह फैसले पर अटॉर्नी जनरल से विचार-विमर्श करेंगे और उनकी कानूनी राय जानेंगे। उन्होंने बालाजी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने के फैसले के पीछे की वजहों के बारे में भी बताया था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नौकरी के बदले घूस मामले में बालाजी को 14 जून को गिरफ्तार किया था। वह तभी से अस्पताल में हैं। राज्यपाल ने मंत्रिमंडल से उनकी बर्खास्तगी के आदेश पर अमल पर अगली सूचना तक रोक लगा दी है।

इस बीच पूरे विवाद को लेकर चेन्नई की सड़कों पर पोस्टर लगाए गए हैं, जिनके जरिये सवाल किया गया है कि क्या गिंडी (राजभवन) कुछ केंद्रीय मंत्रियों के खिलाफ लंबित मामलों और मंत्रिमंडल से उनकी बर्खास्तगी की मांग को लेकर दिल्ली को पत्र लिखेगा?’’

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