Tamil Nadu Legislative Assembly Election: तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में मतदाताओं को लुभाने के लिए प्रत्याशी नए-नए तरीके अपना रहे हैं।
कोई रोबोट से प्रचार कर रहा है तो कोई सिर पर पार्टी का चुनाव चिह्न बनवा रहा है. इस बीच एआईएडीएमके के एक प्रत्याशी ने सरेआम कपड़े धोए और लोगों से वादा किया कि अगर वह चुनाव जीतते हैं तो अपने क्षेत्र के हर घर में वॉशिंग मशीन देंगे।
जानकारी के मुताबिक, सोमवार को चुनाव प्रचार के बाद एआईएडीएमके उम्मीदवार थंगा काथीरवन सरेआम जनता के कपड़े धोते नजर आए। इस दौरान उन्होंने लोगों से वादा किया कि अगर मैं चुनाव जीत गया तो वॉशिंग मशीन दूंगा। बता दें कि तमिलनाडु में चुनाव के दौरान इस तरह के तोहफे बांटने की परंपरा काफी पुरानी है।
अन्नाद्रमुक ने श्रीलंका के खिलाफ यूएनएचआरसी प्रस्ताव का समर्थन करने की मांग की
ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (अन्नाद्रमुक) ने मंगलवार को श्रीलंका में तमिलों के खिलाफ युद्ध अपराध से संबंधित कथित मानवाधिकारों के उल्लंघन के मामले में जेनेवा स्थित संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) के प्रस्ताव का समर्थन करने की मांग की और कहा कि द्वीपीय राष्ट्र में शांति बहाल करना भारत का नैतिक कर्तव्य है।
अन्नाद्रमुक के एम थंबीदुरई ने शून्यकाल में इस मामले को उठाते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को वह वादा भी याद दिलाया जिसमें उन्होंने श्रीलंकाई तमिलों के हितों की रक्षा करने की बात कही थी। उन्होंने कहा, ‘‘हम भारत सरकार से आग्रह करते है कि वह भारतीय प्रतिनिधिमंडल को यूएनएचआरसी के उस प्रस्ताव के समर्थन में मतदान का निर्देश दे जिसमें श्रीलंका में अल्पसंख्यक तमिलों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की जांच की बात की गई है।’’ उन्होंने कहा कि प्रस्ताव का समर्थन किए बगैर श्रीलंकाई तमिलों के मौलिक अधिकारों की रक्षा नहीं की जा सकेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने जब तमिलनाडु का दौरा किया था तब उन्होंने आश्वासन दिया था कि वह श्रीलंकाई तमिलों के हितों की रक्षा करेंगे। इसलिए मैं भारत सरकार से आग्रह करता हूं कि प्रधानमंत्री ने जो प्रतिबद्धता जताई है उसे ध्यान में रखते हुए श्रीलंकाई तमिलों के हितों की रक्षा की जाए।’’
थंबीदुरई ने कहा कि अन्नाद्रमुक ने हमेशा से तमिलों के हितों की आवाज उठाई है। उन्होंने कहा कि जब भारत फिलिस्तीन जैसे देशों में मानवाधिकार के मामलों का समर्थन कर सकता है तो श्रीलंका में रहने वाले तमिल समुदाय के हितों की रक्षा करना उसका कर्तव्य है। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए मैं भारत सरकार से आग्रह करता हूं कि वह श्रीलंकाई तमिलों का पक्ष ले।’’