जयपुर: उदयपुर टेलर हत्या मामले में जिस कन्हैया लाल की हत्या मंगलवार को हुई है, आज उसका पार्थव शरीर उसके घर पहुंचा है। इस दौरान उसके पार्थव शरीर के पास लोगों की भीड़ लगी है। शहर में धारा 144 लगने के बावजूद काफी संख्या में लोगों को देखा गया है। न्यूज एजेंसी एएनआई द्वारा एक वीडियो में यह देखा गया है कि उसके परिजन रो रहे है और कुछ लोग फूल माला लिए हुए उसके पार्थव शरीर के पास खड़े है। पास में कुछ महिलाओं की भी आवाज आ रही है जो कन्हैया लाल के परिवार वालों को जो लोग रो रहे है, उन्हें समझा रहे है और कह रहे है कि आप लोग शान्ति रेखें।
क्या कहा सीएम अशोक गहलोत ने
इससे पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को कहा कि उदयपुर की घटना कोई मामूली वारदात नहीं है और जब तक अंतर्राष्ट्रीय या राष्ट्रीय स्तर पर उनके (आरोपियों के) कुछ संबंध नहीं हों ऐसा नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि इस वारदात की जांच उसी को ध्यान में रखते हुए की जा रही है कि जिन्होंने हत्या की है, उनकी क्या साजिश थी, क्या षड्यंत्र था, किससे उनके संपर्क हैं, क्या वे कियी राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय एजेंसी के संपर्क में हैं, इन तमाम बातों का खुलासा होगा।
कट्टरपंथी तत्व के अंतर्राष्ट्रीय या राष्ट्रीय हाथ होने पर पड़ताल शुरू
उल्लेखनीय है कि उदयपुर के धानमंडी थाना क्षेत्र में मंगलवार को दिन दहाड़े दो मुस्लिम लोगों ने धारदार हथियार से कन्हैया लाल नाम के एक दर्जी की हत्या कर दी थी। जयपुर में बुधवार को कानून-व्यवस्था की समीक्षा बैठक से पूर्व गहलोत ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘हम इस घटना को गंभीरता से ले रहे हैं। घटना मामूली नहीं है और जब तक कि इसका अंतर्राष्ट्रीय या राष्ट्रीय स्तर पर जो कुछ ऐसे रेडिकल एलिमेंट (कट्टरपंथी तत्व) हैं, उससे संबंध नहीं हो, ऐसे नहीं हो सकती। उसी रूप में इसकी जांच-पड़ताल शुरू की गई है।’’ गहलोत ने कहा कि घटना बहुत बड़ी व जघन्य है।
एसआईटी को गठित किया गया है जो अपना काम शुरू कर दी है- सीएम गहलोत
सीएम गहलोत ने आगे कहा, “मैंने कल भी कहा कि इसकी जितनी निंदा करें उतनी कम है और हमने इसीलिए एसआईटी गठित की है, एसआईटी ने अपना काम शुरू कर दिया है।” आपको बता दें कि मंगलवार को दर्जी की हत्या की घटना के बाद शहर में उत्पन्न हुए तनाव को देखते हुए जिले के सात थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया था। वहीं राज्यभर में 24 घंटे के लिये मोबाइल इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया था और आगामी एक माह के लिये प्रदेश में निषेधाज्ञा लगा दी गई थी।