द्वारका-शारदापीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना करते हुे शुक्रवार (सात सितंबर) को कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लाया गया एससी-एसटी (अत्याचार रोकथाम) संशोधित विधेयक भारतीय समाज में विभाजन पैदा करेगा।
अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोकथाम) कानून पर टिप्पणी करते हुए द्वारका-शारदापीठ की प्रतिनिधि डॉ दीपिका उपाध्याय द्वारा उनकी ओर से जारी वक्तव्य के अनुसार, शंकराचार्य ने अजा, अजजा कानून के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी तक को आड़े हाथ लिया।
शंकराचार्य ने पीएम मोदी और अटल बिहारी वाजपेयी सहित भारतीय जनता पार्टी और उनके नेतृत्व की सरकार के इस कार्य को हिन्दू विरोधी बताया।
स्वरूपानंद इस समय वृन्दावन के अटल्ली चुंगी स्थित उड़िया आश्रम में चातुर्मास प्रवास पर हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘अच्छे और बुरे लोग तो सभी जातियों में होते हैं। ऐसे में यह कानून एक खतरनाक हथियार साबित होगा। जिसमें कि कहने मात्र से दूसरों को जेल हो जाय, यह अनुचित है। इससे लोगों में एक-दूसरे के प्रति घृणा बढ़ेगी। हम भी चाहते हैं कि दलित वर्ग का कल्याण हो, उनके साथ भेदभाव न हो। लेकिन इस कानून से वर्ग भेद होगा और देश बहुत पीछे चला जाएगा।’’