स्वामी प्रसाद मौर्य के निजी सचिव सहित चार नौकरी के नाम पर युवाओं को ठगने के आरोप में गिरफ्तार, जानें पूर्व मंत्री ने क्या कहा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 21, 2022 06:16 PM2022-04-21T18:16:59+5:302022-04-21T18:21:13+5:30
लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने गुरुवार को लखनऊ के हजरतगंज से उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के निजी सचिव और चार अन्य लोगों को नौकरी धोखाधड़ी घोटाले में गिरफ्तार किया। मुख्य आरोपी की पहचान अरमान खान के रूप में हुई है जबकि शेष चार असगर अली, मोहम्मद फैजी, विशाल गुप्ता और अमित राव हैं।
पुलिस ने 7 मोबाइल फोन, 57 हस्ताक्षरित चेक, 5 जाली पहचान पत्र, 22 जाली नियुक्ति पत्र, लखनऊ सचिवालय में प्रवेश पास, मार्कशीट, 14 व्यक्तियों के प्रमाण पत्र और एक महिंद्रा XUV 700 जब्त की है, जिसका कोई पंजीकरण नंबर नहीं है। इस समूह ने सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर सैकड़ों बेरोजगार युवकों को ठगा है। इस बीच भाजपा सरकार में पूर्व मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि कभी भी अरमान खान उनका निजी सचिव नहीं था। उन्होंने ये भी कहा कि उससे उनका कोई संबंध नहीं है।
अपनी बात को जारी रखते हुए मौर्य ने कहा कि वह श्रम विभाग में संविदा पर एक कर्मचारी था। उन्होंने ये भी बताया कि खान बहुजन समाज पार्टी और बाद में भाजपा में कार्यकर्ता रह चुका है। वहीं, उत्तर प्रदेश एसटीएफ द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, ये लोग अब तक करोड़ों रुपये का वारान्यारा कर चुके हैं। बयान के मुताबिक पूछताछ पर असगर अली ने बताया कि वह देवरिया का रहने वाला है और आउट सोर्सिंग पर कई विभागों में कार्य किया है। वह सरकारी पत्र एवं विभागों की जानकारी रखता है। सचिवालय में अरमान (पूर्व मंत्री के निजी सचिव) के माध्यम से इसकी आसानी से पहुंच थी।
गोरखपुर, आजमगढ, सुल्तानपुर इलाहाबाद आदि जिलों के लड़के असगर से मिलते थे। असगर ने बताया कि उसका साथी अरमान पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या का निजी सचिव रहा है, जिसका वेतन श्रम विभाग द्वारा आहरित होता रहा है। बयान के मुताबिक अरमान खान समय-समय पर विभिन्न बहानों से पूर्व मंत्री को अभ्यर्थियों से मिलवाता रहता था। एसटीएफ ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्तों से थाना हजरतगंज में पूछताछ की जा रही है और मामले की जांच जारी है।
इस बारे में जब भाजपा की पहली सरकार में श्रम मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य से जब पीटीआई-भाषा ने बात की तो उन्होंने कहा,''पकड़ा गया अरमान खान कभी भी मेरा निजी सचिव नहीं रहा। किसी भी मंत्री का निजी सचिव सरकारी कर्मचारी होता है। मेरा उससे कोई लेना देना नहीं है ।'' उन्होंने कहा कि अरमान खान श्रम विभाग के बोर्ड में संविदा पर कंप्यूटर आपरेटर पर अस्थायी कर्मचारी था। प्रमुख ओबीसी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने हाल के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले योगी सरकार से इस्तीफा दे दिया था और समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे। उन्होंने फाजिलनगर से चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए थे।