सुशील मोदी ने कहा, "लालू, नीतीश भी केंद्रीय मंत्री थे, क्यों नहीं मिला विशेष दर्जा?", तेजस्वी यादव ने उठाई थी स्पेशल स्टेटस की मांग
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: November 5, 2022 05:28 PM2022-11-05T17:28:45+5:302022-11-05T17:35:33+5:30
सुशील मोदी ने बिहार के स्पेशल स्टेटस की मांग पर तेजस्वी यादव से पूछा कि उनके पिता लालू प्रसाद यादव और मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी केंद्र सरकार में मंत्री रहे, तब क्यों नहीं मिला बिहार को विशेष दर्जा।
पटना: सुशील मोदी ने बिहार के उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव द्वारा केंद्र की मोदी सरकार पर किये गये हमले और बिहार की उपेक्षा पर खड़े किये गये सवाल पर उन्हीं के पिता लालू प्रसाद यादव और मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का हवाला देते हुए घेरा है।
तेजस्वी द्वारा केंद्र पर बिहार के साथ किये जा रहे आरोपों पर सुशील मोदी ने कहा कि एक समय था, जब तेजस्वी यादव के पिता लालू प्रसाद यादव कांग्रेस के कार्यकाल में केंद्र की सरकार में मंत्री थे। यही नहीं इस समय बिहार सरकार में तेजस्वी यादव के जो बॉस हैं, नीतीश कुमार वो भी अटल जी की सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे, तो उन लोगों ने उस समय क्यों नहीं बिहार के लिए स्पेशल स्टेटस की मांग की और क्यों नहीं मिला बिहार को विशेष राज्य का दर्जा।
इसके साथ ही सुशील मोदी ने बिहार को स्पेशल स्टेटस न मिलने के पीछे रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन का जिक्र करते हुए कहा कि बिहार को स्पेशल स्टेटस देने की मांग पर रघुराम राजन कमेटी और वित्त आयोग ने विचार करने से ही नकार दिया था। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बिहार को दिये केंद्र के 1.5 लाख करोड़ रुपये के पैकेज को ज्यादा उपयोगी बताते हुए सुशील मोदी ने कहा कि अगर मंशा ठीक हो तो विकास किया जा सकता है लेकिन न तो राजद का बिहार के विकास में कोई दिलचस्पी है और न ही जदयू की।
PR - लालू, नीतीश के पावरफुल केंद्रीय मंत्री रहते क्यों नहीं मिला विशेष दर्जा ?
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) November 5, 2022
PR - रघुराम राजन कमेटी, वित्त आयोग ने विशेष दर्जा के विचार को ही नकार दिया
PR - बिहार को केंद्र का 1.5 लाख करोड़ का पैकेज ज्यादा उपयोगी
इसके साथ ही सुशील मोदी ने यह भी कहा कि पहले लालू प्रसाद की पत्नी राबड़ी देवी और नीतीश कुमार एक-दूसरे को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिला पाने के लिए जिम्मेदार ठहराते रहे। अब जब दोनों साथ में मिलकर बिहार की सत्ता का आनंद ले रहे हैं तो दोनों साथ में भाजपा को बदनाम भी करना है। इस कारण दोनों मिलकर बार-बार बिहार के स्पेशल स्टेटस की मांग उठा रहे हैं, बकि उनकी मांग में न तो गंभीरता है और न ही कोई कोई दम है।
मालूम हो कि बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने केंद्र की मोदी सरकार पर एक बार फिर जमकर निशाना साधते हुए भेदभाव करने का आरोप लगाया। उन्होंने एक बार फिर केंद्र सरकार से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की। तेजस्वी यादव ने कहा कि केंद्र सरकार हमेशा से बिहार के साथ भेदभाव कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बिहार को केंद्रीय सहायता राशि देने में भेदभाव कर रही है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार को अगर विशेष राज्य का दर्जा मिलेगा तो हमारा राज्य टॉप 5 राज्यों में पहुंच जाएगा। उन्होंने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्टर्स की बात करें तो इसमें बिहार सबसे आगे है। ये हमारे लिए गर्व की बात है। इसमें अगर केंद्र सरकार भी सहयोग कर दे बिहार काफी आगे चला जाएगा। विशेष राज्य का दर्जा मिले जाए तो बिहार टॉप 5 राज्यों में पहुंच जाएगा।
इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में बिहार सबसे आगे है।बिहार को अगर विशेष राज्य का दर्जा मिल जाए तो बिहार 2 सालों के अंदर टॉप 5 राज्यों में पहुंच जाएगा लेकिन विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलता। बिहार के साथ पक्षपात हो रहा है: बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, पटना pic.twitter.com/7taC02Qc62
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 5, 2022
तेजस्वी ने कहा कि केंद्र सरकार बिहार के साथ पक्षपात कर रही है। उन्होंने कहा कि हम केवल आरोप नहीं लगा रहे बल्कि पूरी ताकत के साथ ही यह बात कर रहे हैं। हमारे पास इसे साबित करने के लिए कई प्रमाण है। तेजस्वी ने कहा कि बिहार में नगर निकाय के 38 हेड क्वार्टर हैं और केंद्र सरकार उसमें खर्च करने के लिए 7 करोड़ 35 लाख रुपए दे रही है। इसमें बिहार का क्या कुछ विकास होगा।