सुशील मोदी का RJD पर आरोप, आज जो स्थिती बंगाल में है, वैसी ही पहले बिहार में लालू-राबड़ी राज में थी

By एस पी सिन्हा | Updated: May 16, 2019 20:55 IST2019-05-16T20:55:08+5:302019-05-16T20:55:08+5:30

उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि टीएमसी और ममता बनर्जी की तरह तब बिहार में भी राजद-कांग्रेस के लोग चुनावी हिंसा, धांधली, बूथ लूट को नजर अंदाज कर आयोग के पुनर्मतदान के निर्णयों के विरोध में खड़े रहते थे.

Sushil Kumar Modi says comment on Lalu Rabri RJD GOVT over west Bengal clashes and EC | सुशील मोदी का RJD पर आरोप, आज जो स्थिती बंगाल में है, वैसी ही पहले बिहार में लालू-राबड़ी राज में थी

सुशील कुमार मोदी

Highlights आयोग की कड़ी कार्रवाई से न केवल राजद के बूथ लुटेरों पर नकेल कसा बल्कि हिंसा का दौर भी थमा: सुशील कुमार मोदीआयोग की कार्रवाई का यह पहला कदम हो सकता है. मगर उसकी सख्ती और आम मतदाताओं की जागरूकता का बिहार की तरह बंगाल में भी असर होगा: सुशील कुमार मोदी

बिहार के उपमुख्यमंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि लालू-राबड़ी राज में जो स्थिती बिहार की थी, वही स्थिती आज पश्चिम बंगाल में हो रहा है. ठीक उसी तरह बिहार में भी बूथ लूट, चुनावी हिंसा, गरीब-कमजोर वर्ग के मतदाताओं को मतदान से रोका जाता था. जिसके कारण चुनाव आयोग को पूरे के पूरे संसदीय व विधानसभा क्षेत्रों का चुनाव रद्द कर पुनर्मतदान कराना पडता था. 

मोदी ने कहा कि अंततः टीएन शेषन जैसे तत्कालीन मुख्य चुनाव आयुक्त की सख्ती से राजद के बूथ लुटेरों व गुंडों पर लगाम लगा. आज बंगाल में भी टीएमसी की गुंडागर्दी के खिलाफ आयोग को वैसी ही सख्ती बरतने की जरूरत है. सुशील मोदी ने कहा कि बूथ लूट और चुनावी हिंसा के डेढ़ दशकीय दौर में बिहार में जहां 641 लोग मारे गये थे. वहीं छपरा, पूर्णिया और दो-दो बार पटना संसदीय क्षेत्र तथा दानापुर विधान सभा क्षेत्र के संपूर्ण मतदान को रद्द कराना पड़ा था. धांधली और बूथ लूट की शिकायतों के बाद 1990 के बिहार विधान सभा चुनाव में 1,239, 1995 में 1,668 और 2000 में 1,420 मतदान केंद्रों पर चुनाव आयोग को पुनर्मतदान का निर्णय लेना पड़ा था.

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि टीएमसी और ममता बनर्जी की तरह तब बिहार में भी राजद-कांग्रेस के लोग चुनावी हिंसा, धांधली, बूथ लूट को नजर अंदाज कर आयोग के पुनर्मतदान के निर्णयों के विरोध में खड़े रहते थे. आयोग की कड़ी कार्रवाई से न केवल राजद के बूथ लुटेरों पर नकेल कसा बल्कि हिंसा का दौर भी थमा. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा पश्चिम बंगाल के हालात के मद्देनजर एक दिन पहले चुनाव प्रचार को रोकना कोई अप्रत्याशित निर्णय नहीं है. आयोग की कार्रवाई का यह पहला कदम हो सकता है. मगर उसकी सख्ती और आम मतदाताओं की जागरूकता का बिहार की तरह बंगाल में भी असर होगा.

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