सुप्रीम कोर्ट केंद्र द्वारा मुख्य चुनाव आयुक्त, अन्य आयुक्तों की चयन समिति से चीफ जस्टिस को हटाने के खिलाफ दायर की गई याचिका पर करेगा सुनवाई
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 14, 2024 11:34 AM2024-03-14T11:34:01+5:302024-03-14T11:37:44+5:30
सुप्रीम कोर्ट उस याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गया है, जिसमें मुख्य चुनाव आयुक्त के अतिरिक्त अन्य दो आयुक्तों की मौजूदा रिक्त नियुक्तियों की कमेटी में मुख्य न्यायाधीश को शामिल करने की मांग की गई है।
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बीते बुधवार को उस याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करने पर सहमति जताई है, जिसमें चुनाव आयोग में मुख्य चुनाव आयुक्त के अतिरिक्त अन्य दो आयुक्तों की मौजूदा रिक्त नियुक्तियों की कमेटी में देश के मुख्य न्यायाधीश को शामिल करने की मांग की गई है, जिन्हें सरकार ने संसद में कानून के मुताबिक चयन समिति से मुख्य न्यायाधीश को बाहर करके प्रधानमंत्री और नेता विपक्ष के साथ एक कैबिनेट मंत्री को शामिल किये जाने का प्रवधान है।
समाचार वेबसाइट इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार इस संबंध में दायर याचिका को सुप्रीम कोर्ट मे जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच के सामने पेश किया गया। बीते साल मार्च 2023 में सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ ने इस मामले में एक फैसला सुनाया था, जिसमें कोर्ट द्वारा कहा गया था कि मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) और चुनाव आयुक्तों (ईसी) की नियुक्ति प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की समिति की सलाह पर की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद केंद्र सरकार संसद ने मुख्य चुनाव आयोग और अन्य चुनाव आयोग (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की अवधि) अधिनियम, 2023 पेश किया, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को चयन समिति से बाहर रखने का प्रवधान था।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और मध्य प्रदेश कांग्रेस नेता जया ठाकुर ने इस कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने पहले भी ऐसा याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए संसद द्वारा पारित नए कानून पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।
लेकिन बीते 10 मार्च को अरुण गोयल द्वारा चुनाव आयुक्त पद से इस्तीफा देने के बाद राजनीतिक पार्टियों ने एक बार फिर अदालत से अपील की कि वो उनकी दलीलों पर सुनवाई करे। फिलहाल चुनाव आयोग में केवल मुख्य चुनाव आयुक्त हैं, अन्य चुनाव आयुक्त अनूप कुमार पांडे भी अपना कार्यकाल पूरा होने के बाद 14 फरवरी, 2024 को चुनाव आयुक्त के पद से रिटायर हो गये हैं।
सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका में कहा गया है, "इसका मतलब यह है कि वर्तमान में चुनाव आयुक्तों के दो पद खाली हैं और चुनाव आयोग तीन आधिकारिक पदों की अनुमानित क्षमता से कम पर काम कर रहा है।"
याचिका में कहा गया है, “दोनों चुनाव आयुक्तों के पद की रिक्तियां लोकतंत्र के लिए ऐसे महत्वपूर्ण समय पर आई हैं, जब मार्च के किसी भी दिन देश के आम चुनाव की घोषणा हो सकती है। अब कार्यपालिका के पास दो चुनाव आयुक्तों को नियुक्त करने का मौका है, जो कार्यपालिका को अनुचित लाभ दे सकती है। स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने में चुनाव आयोग की भूमिका महत्वपूर्ण है और इसलिए चुनाव आयुक्तों की नियुक्तियों को भी निष्पक्ष तरीके से होनी चाहिए।''
इसके साथ ही मामले से संबंधित दायर याचिकाओं में मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्त की नियुक्ति के संबंध में संसद द्वारा पारित नए अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधानों, जिसमें प्रधानमं6ी, नेता विपक्ष और कैबिनेट मंत्री की चयन समिति पर रोक लगाने की मांग की गई है।