इच्छा मृत्यु पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज, पांच जजों की बेंच सुना सकती है बड़ा फैसला

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: March 9, 2018 10:39 IST2018-03-09T03:21:41+5:302018-03-09T10:39:20+5:30

इच्छा मृत्यु मामला: पांच जजों की संवैधानिक पीठ इच्छा मृत्यु यानी पैसिव यूथेनेशिया पर अपना फैसला सुनाएगी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राइट टू लाइफ में गरिमापूर्ण मृत्यु का अधिकार शामिल है ये हम नहीं कहेंगें।

Supreme Court to verdict on right to life today | इच्छा मृत्यु पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज, पांच जजों की बेंच सुना सकती है बड़ा फैसला

इच्छा मृत्यु पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज, पांच जजों की बेंच सुना सकती है बड़ा फैसला

नई दिल्ली, 9 मार्च: इच्छा मृत्यु के मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा। पांच जजों की संवैधानिक पीठ इच्छा मृत्यु यानी पैसिव यूथेनेशिया पर अपना फैसला सुनाएगी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि 'राइट टू लाइफ' में गरिमापूर्ण मृत्यु का अधिकार शामिल है ये हम नहीं कहेंगें। कोर्ट ने कहा था कि हम ये कहेंगे कि गरिमापूर्ण मृत्यु पीडा रहित होनी चाहिए। कुछ ऐसी प्रक्रिया होनी चाहिए जिसमें गरिमपूर्ण तरीके से मृत्यु हो सके। 

चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने सुनवाई के दौरान कहा 'हम ये देखेंगे कि इच्छा मृत्यु में यानी इच्छा मृत्यु के लिए वसीयत मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज हो। इस प्रक्रिया के दौरान दो स्वतंत्र गवाह भी मौजूद हों। कोर्ट इस मामले में पर्याप्त सेफगार्ड देगा ताकि इसका दुरुपयोग नहीं हो।' दूसरी तरफ केंद्र सरकार ने इस मामले में कहा था कि इच्छा मृत्यु पर अभी सरकार सारे पहलुओं पर गौर कर रही है और इस मामले में आम जनता और इस क्षेत्र में काम कर रहे सामाजिक संगठनों से सुझाव भी मांगे गए हैं।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ में इच्छा मृत्यु विरोध किया। लेकिन पैसिव यूथेनेशिया को मंजूर करते हुए बताया है कि कुछ सुरक्षा मानकों के साथ ड्राफ्ट बिल तैयार है। केंद्र सरकार ने कहा कि अरूणा शॉनबाग मामले में सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट के आधार पर पैसिव यूथेनेशिया को मंजूर करते हैं। इसके अंतर्गत डिस्ट्रिक्ट और स्टेट लेवल पर मेडिकल बोर्ड ऐसे मामलों में पैसिव यूथेनेशिया पर फैसला लेंगे, लेकिन केंद्र ने कहा इच्छा मृत्यु जिसमें मरीज कहे कि वो अब मेडिकल स्पोर्ट नहीं चाहता, उसे मंजूर नहीं किया जा सकता।

Web Title: Supreme Court to verdict on right to life today

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