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सुप्रीम कोर्ट ने अंडमान के पूर्व मुख्य सचिव जितेंद्र नारायण की रेप के आरोप में मिली जमानत को बरकरार रखा

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: August 24, 2023 14:24 IST

सुप्रीम कोर्ट ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के पूर्व मुख्य सचिव जितेंद्र नारायण को कथित रेप के मामले में मिली जमानत के खिलाफ दायर की गई याचिकाएं को खारिज कर दिया है

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ठळक मुद्देसुप्रीम कोर्ट से अंडमान और निकोबार द्वीप के पूर्व मुख्य सचिव जितेंद्र नारायण को मिली राहतपूर्व मुख्य सचिव जितेंद्र नारायण पर एक 21 साल की लड़की ने यौन शोषण का आरोप लगाया है सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आरोपी आईएएस अदिकारी जितेंद्र नारायण को मिली जमानत बरकरार रहेगी

नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के पूर्व मुख्य सचिव जितेंद्र नारायण को कथित रेप के मामले में मिली जमानत के खिलाफ दायर की गई याचिकाएं को खारिज कर दिया है। शीर्ष अदालत से गुरुवार को जारी हुआ आदेश यूटी प्रशासन और पीड़िता महिला द्वारा 20 फरवरी को कलकत्ता हाईकोर्ट की पोर्ट ब्लेयर बेंच द्वारा पारित जमानत आदेश को चुनौती देने वाली दो अलग-अलग याचिकाओं पर आया है।

समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने पूर्व मुख्य सचिव जितेंद्र नारायण को मिली जमानत के खिलाफ दायर दोनों याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा, “हाईकोर्ट ने दलीलों पर विचार न करके सही किया क्योंकि इससे चल रहे मुकदमे पर असर पड़ेगा। हमने याचिकाएं खारिज करते समय विशिष्ट तथ्यों का जिक्र करने से भी परहेज किया है।''

इसके साथ ही कोर्ट ने पोर्ट ब्लेयर की जिला अदालत को आदेश दिया है कि वो मुकदमे में तेजी लाए और महिला द्वारा उठाई गई सुरक्षा संबंधी चिंताओं का समाधान करे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “महिला ने अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर कुछ आशंकाएं जताई हैं। केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन को उसकी शिकायतों से पर्याप्त रूप से निपटना होगा”।

मालूम हो कि पूर्व मुख्य सचिव जितेंद्र नारायण को नवंबर को 21 वर्षीय एक लड़की द्वारा यौन शोषण की शिकायत के बाद गिरफ्तार किया गया था। पीड़िता का आरोप था कि जितेंद्र नारायण सहित कई अन्य आरोपियों ने नौकरी दिलाने के बहाने उसका यौन उत्पीड़न किया था।

नारायण के साथ मामले में गिरफ्तार किए गए अन्य आरोपियों में व्यवसायी संदीप सिंह और निलंबित तत्कालीन श्रम आयुक्त ऋषिश्वर लाल ऋषि भी शामिल थे। यूटी पुलिस द्वारा गठित विशेष जांच दल के अनुसार पीड़िता के यह घटना पिछले साल मार्च और अप्रैल में हुई थी।

हालांकि महिला द्वारा मजिस्ट्रेट के पास जाकर पुलिस पर उसकी शिकायत दर्ज करने से इनकार करने का आरोप लगाने के बाद 1 अक्टूबर, 2022 को एफआईआर दर्ज की गई थी।

इस मामले में पुलिस ने पूर्व मुख्य सचिव जितेंद्र नारायण के खिलाफ बलात्कार (आईपीसी धारा 376), धारा 376सी, 376डी, धारा 354), धारा 201 और आपराधिक साजिश की धारा 120 बी के साथ-साथ आपराधिक धमकी की धारा 506 में केस दर्ज किया गया था। 

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