महाराष्ट्र राजनीतिक संकट: शिवसेना के दोनों गुटों की याचिका पर 20 जुलाई को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
By रुस्तम राणा | Published: July 17, 2022 07:48 PM2022-07-17T19:48:57+5:302022-07-17T19:50:36+5:30
भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना, जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस हेमा कोहली की तीन सदस्यीय पीठ उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले खेमे और एकनाथ शिंदे खेमे द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।
नई दिल्ली: महाराष्ट्र सियासी संकट पर शिवसेना के दोनों धड़ों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 20 जुलाई को करेगा सुनवाई। भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना, जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस हेमा कोहली की तीन सदस्यीय पीठ उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले खेमे और एकनाथ शिंदे खेमे द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले धड़े दोनों ने विधायकों की अयोग्यता को लेकर शीर्ष अदालत का रुख किया है। पिछले सोमवार को, सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष को शिवसेना विधायकों को अयोग्य घोषित करने पर कोई निर्णय नहीं लेने के लिए कहा था, जब विधायक सचिव राजेंद्र भागवत ने 53 विधायकों को व्हिप का पालन नहीं करने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया था।
Supreme Court to hear on July 20 the pleas filed by both the factions of Shiv Sena on #MaharashtraPolitcalCrisis
— ANI (@ANI) July 17, 2022
A bench of Chief Justice of India NV Ramana, Justices Krishna Murari & Hima Kohli will hear the pleas filed by the Uddhav Thackeray-led camp & the Eknath Shinde camp pic.twitter.com/LTPuBmlFTf
शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को चालीस नोटिस भेजे गए, अन्य 13 विधायक ठाकरे के वफादार हैं। दोनों समूहों ने प्रतिद्वंद्वी गुट के विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की है। इससे पहले शिवसेना सांसद संजय राउत ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की थी। उनका तर्क था कि जब तक सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ बागी विधायकों को अयोग्य घोषित करने की याचिका पर अपना फैसला नहीं दे देती तब तक राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू होना चाहिए।
ट्विटर पर राउत ने लिखा था, "संविधान के अनुच्छेद 164 (1-ए) में कहा गया है कि राज्य के सीएम सहित मंत्रियों की संख्या 12 से कम नहीं होनी चाहिए। पिछले 2 सप्ताह से, सिर्फ 2 मंत्रियों वाली कैबिनेट ऐसे फैसले ले रही है जो संवैधानिक रूप से मान्य नहीं हैं। माननीय राज्यपाल महोदय, क्या चल रहा है?"
नए मंत्रिमंडल के गठन में देरी को लेकर नवगठित शिंदे सरकार पर कटाक्ष करते हुए, शिवसेना सांसद ने आगे कहा, "बारबाडोस की आबादी 2.5 लाख है और फिर भी 27 की कैबिनेट है। महाराष्ट्र की 12 करोड़ की आबादी में एक कैबिनेट है। 2 सदस्यों में से जो मनमाना निर्णय ले रहे हैं। संविधान का सम्मान कहाँ है?"
Barbados has a population of 2.5Lacs & yet has a Cabinet of 27.
— Sanjay Raut (@rautsanjay61) July 16, 2022
Maharashtra's 12Cr population has cabinet of 2 members that is taking arbitrary decisions
Where is the regard for Constitution?
Till the Constitut'l Bench of SC gives its verdict,impose President's rule in Mah'stra pic.twitter.com/9FfGYa1tFA