और सख्त होना चाहिए SC/ST एक्ट, सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बढ़ेंगे अत्याचार: रामदास आठवले

By कोमल बड़ोदेकर | Updated: March 31, 2018 07:25 IST2018-03-31T07:14:33+5:302018-03-31T07:25:40+5:30

लोकमत न्यूज ने केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास आठवले से एससी-एसटी एक्ट को लेकर आए सुप्रीम कोर्ट के ताजा फैसले और उससे जुड़े विवाद समेत कई अन्य मुद्दों पर बात की।

supreme court SC/ST act, bhim army chief chandrashekhar, dalit issues central ministers Ramdas Athawale | और सख्त होना चाहिए SC/ST एक्ट, सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बढ़ेंगे अत्याचार: रामदास आठवले

और सख्त होना चाहिए SC/ST एक्ट, सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बढ़ेंगे अत्याचार: रामदास आठवले

नई दिल्ली, 30 मार्च। अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम (एससी-एसटी एक्ट) पर 20 मार्च को आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद देश भर के दलित संगठनों में गुस्सा है। तमाम दलित संगठनों ने इस फैसले के विरोध में 2 अप्रैल को भारत बंद का आह्वान किया है। वहीं इस फैसले के 9 दिन बाद केंद्र सरकार ने फैसला किया है कि वह सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करेगी। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि  मैंने कानून मंत्रालय को इस मामले में पुनर्विचार याचिका लगाने और अन्य संभावनाओं पर विचार करने के लिए निर्देश दिए हैं।

इस पूरे मामले में केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास आठवले ने लोकमत से विशेष बातचीत की। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर उन्होंने कहा कि, दलितों की सुरक्षा के लिए यह कानून थोड़ा और कठोर होना चाहिए न कि उसे पलटा जाए। इससे दलितों पर अत्याचार पहले से ज्यादा बढ़ेंगे। केंद्र सरकार द्वारा अपना पक्ष ठीक से नहीं रखे जाने की बात को नकारते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने अपना पक्ष ठीक से रखा था लेकिन दो जजों की बेंच ने ये फैसला दिया है। 

क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाकई दलितों के हिमायती हैं या उनके साथ दोहरा रवैया अपना रही है। इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि रिव्यु पिटिशन में देरी नहीं हुई है। वहीं ऊना हमले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि, पीएम मोदी ने उस दौरान कहा था कि दलितों को मत मारों उन पर अत्याचार मत करो मुझे मारो। इसके बाद आठवले ने कहा कि मोदी सरकार में दलितों के लिए काम किया जा रहा है।

वहीं बीते दिन योगी सरकार के बाबा साहेब के नाम के साथ 'रामजी' जोड़े जाने के फैसले के सवाल पर केंद्रीय मंत्री आठवले ने कहा कि रामजी और भगवान राम का एक-दूसरे से कोई लेना-देना नहीं है। यह निर्णय भगवान राम से जुड़ा हुआ नहीं है। उनके पिता का नाम रामजी था और महाराष्ट्र में पिता का नाम साथ में लिखने की परंपरा रही है। जिसके चलते बाबा साहेब ने संविधान में अपना पूरा नाम डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर लिखा था। उन्होंने कहा कि यह फैसला उत्तर प्रदेश सरकार ने लिया है मुझे नहीं लगता कि देश भर में भी यह लागू होगा।

जब केंद्रीय मंत्री आठवले से पूछा गया कि एक ओर जहां मोदी सरकार दलितों की हिमायती बन रही है वहीं भीम सेना के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद अब भी जेल में क्यों बंद है इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि, सहारनपुर विवाद के बाद से ही चंद्रशेखर जेल में बंद है उनका जेल में ज्यादा रहना ठीक नहीं है। उनकी रिहाई होनी चाहिए मैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात करूंगा कि भीम आर्मी के लीडर चंद्रशेखर को रिहा करें। मैं खुद भी प्रयत्न करूंगा कि चंद्रशेखर की रिहाई जल्द हो।

इसके बाद जब 2 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट के एससी-एसटी एक्ट के फैसले के विरोध में देश के तमाम दलित संगठनों के आंदोलन के बारे में उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी एक्ट पर जो फैसला दिया है वह काफी बड़ा मुद्दा है लेकिन यह उन संगठनों का फैसला है कि वह आंदलोन करें य न करें। हमारी सरकार ने इसके लिए रिव्यु पिटिशन लगाने की तैयारी की है।

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