उच्चतम न्यायालयः पंजाब के पूर्व पुलिस महानिदेशक सुमेघ सिंह सैनी को राहत, गिरफ्तारी पर लगाई रोक, जानिए मामला
By भाषा | Published: September 15, 2020 02:33 PM2020-09-15T14:33:18+5:302020-09-15T14:33:18+5:30
न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने सैनी की अपील पर पंजाब सरकार से जवाब मांगा है। सैनी ने इस मामले में उन्हें अग्रिम जमानत देने से इंकार करने के पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी है।
नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय ने पंजाब के पूर्व पुलिस महानिदेशक सुमेघ सिंह सैनी को 1991 में एक जूनियर इंजीनियर बलवंत संह मुलतानी की कथित हत्या के मामले में मंगलवार को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान कर दिया।
न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने सैनी की अपील पर पंजाब सरकार से जवाब मांगा है। सैनी ने इस मामले में उन्हें अग्रिम जमानत देने से इंकार करने के पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी है।
‘जेड’ श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त पूर्व पुलिस महानिदेशक फरार
वीडियो कांफ्रेंस के जरिये इस मामले की सुनवाई के दौरान पीठ ने पंजाब सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा से जानना चाहा कि 29 साल पुराने मामले में सैनी को गिरफ्तार करने की जल्दी क्या है। लूथरा ने जवाब दिया कि ‘जेड’ श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त पूर्व पुलिस महानिदेशक फरार हैं।
पीठ ने इस मामले को चार सप्ताह बाद सुनवाई के लिये सूचीबद्ध करते हुये कहा कि सैनी को अगले आदेश तक गिरफ्तार नही किया जायेगा और वह जांच में सहयोग करेंगे। उच्च न्यायालय ने इस कथित हत्या के मामले में आठ सितंबर को सैनी की अग्रिम जमानत की याचिका सहित दो याचिकायें खारिज कर दी थीं।
Rohatgi says that FIR was registered against Saini in a mala fide manner & now he has retired.
— ANI (@ANI) September 15, 2020
Rohatgi says that the state government is after Saini because he had filed two charge sheets which had current Punjab CM Captain Amarinder Singh as an accused. https://t.co/w1gefavzkN
1991 में गुमशुदगी के सिलसिले में पूर्व डीजीपी के खिलाफ मई में मामला दर्ज किया गया था
मुल्तानी की 1991 में गुमशुदगी के सिलसिले में पूर्व डीजीपी के खिलाफ मई में मामला दर्ज किया गया था। मुल्तानी अपनी गुमशुदगी के समय चंडीगढ उद्योग एवं पर्यटन निगम में जूनियर इंजीनियर के तौर पर कार्यरत थे। पंजाब और हरियाणा उच्च न्याायलय ने मंगलवार को मामले में सैनी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी जिसके बाद उन्होंने उच्चतम न्यायालय का रूख किया। अदालत ने सैनी की एक और याचिका भी खारिज कर दी थी। मोहाली की एक अदालत ने एक सितंबर को उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
पुलिस ने मुल्तानी के लापता होने के संबंध में प्राथमिकी में पिछले महीने आईपीसी की धारा 302 के तहत हत्या के आरोप भी जोड़ दिए थे। वर्ष 1982 बैच के आईपीएस अधिकारी सैनी देश में सबसे युवा डीजीपी थे । बेअदबी की घटनाओं के बाद प्रदर्शन होने पर 2015 में उन्हें डीजीपी पद से हटा दिया गया था। सैनी 2018 में सेवानिवृत्त हो गए।
सैनी पर 1991 में आतंकवादी हमला होने के बाद पुलिस ने मोहाली निवासी बलवंत मुल्तानी को पकड़ा था। सैनी उस समय चंडीगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक थे। हालांकि, पुलिस ने बाद में दावा किया था कि पूर्व आईएएस अधिकारी के पुत्र बलवंत मुल्तानी गुरदासपुर में कादियान पुलिस की हिरासत से भाग गए थे । बलवंत मुल्तानी के भाई पालविंदर सिंह मुल्तानी की शिकायत पर सैनी और छह अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।