सुप्रीम कोर्ट ने के कविता को दिल्ली आबकारी केस में किसी भी तरह की राहत देने से किया इनकार

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: March 28, 2023 12:00 IST2023-03-28T11:57:32+5:302023-03-28T12:00:38+5:30

सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दिल्ली आबकारी केस में समन जारी करने से रोक लगाने पर इनकार कर दिया है।

Supreme Court refuses to grant relief to K Kavita in Delhi excise case | सुप्रीम कोर्ट ने के कविता को दिल्ली आबकारी केस में किसी भी तरह की राहत देने से किया इनकार

फाइल फोटो

Highlightsदिल्ली आबकारी केस में के कविता को सुप्रीम कोर्ट से लगा भारी झटका सुप्रीम कोर्ट ने मामले में ईडी का कार्रवाई पर रोक लगाने या हस्तक्षेप करने से किया इनकार कविता दिल्ली आबकारी नीति केस से जुड़े लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी की गिरफ्तारी से सुरक्षा मांग रही थीं

दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दिल्ली आबकारी केस में समन जारी करने से रोक लगाने पर इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की एमएलसी के कविता की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने जस्टिस अजय रस्तोगी की अगुवाई वाली बेंच के समक्ष कहा कि कहा कि उनके मुवक्किल को ईडी द्वारा जांच के लिए लगातार समन जारी किया जा रहा है, कोर्ट कविता को इस मामले में राहत दे।

कविता ईडी द्वारा दिल्ली आबकारी मामले में की गई पूछताछ के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पहुंची थीं और दिल्ली आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी की गिरफ्तारी से सुरक्षा मांग रही थीं। सुप्रीम कोर्ट ने कविता को गिरफ्तारी से सुरक्षा देने या ईडी के समन पर रोक लगाने से इनकार करते हुए यह जरूर कहा कि क्या किसी महिला को सीआरपीसी/पीएमएलए के तहत ईडी कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है। शीर्ष अदालत ने कविता के मामले को तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी की पत्नी के संबंध में वकील नलिनी चिदंबरम और रुचिरा बनर्जी द्वारा दायर याचिका को भी साथ में जोड़ लिया था।

मामले में केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कविता की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि अभिषेक बनर्जी का मामला अलग है। वहीं ईडी की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि जांच के लिए समन जारी किया जाना जरूरी है। इसलिए कविता द्वारा दायर की गई याचिका निरर्थक है। हालांकि, इन दलीलों के बावजूद शीर्ष अदालत ने मामले को तीन सप्ताह के बाद सूचीबद्ध करने का आदेश दिया है।

कविता की ओर से दायर की गई याचिका में कहा गया है कि दिल्ली आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं के संबंध में सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी में उनके नाम का कहीं भी उल्लेख नहीं है बावजूद उसके जांच एजेंसी द्वारा उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को भी नई शराब नीति तैयार करने में कथित भ्रष्टाचार के आरोप में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था, जिसे बाद में वापस ले लिया गया था।

कविता के वकील ने कपिल सिब्बल ने अदालत को बताया कि वह इस महीने की शुरुआत में ईडी के सामने पेश हुई थीं लेकिन उसके द्वारा बार-बार समन जारी किया जाना कानून के विपरीत है। याचिका में कहा गया है, "याचिकाकर्ता का नाम प्राथमिकी में नहीं होने के बावजूद केंद्र में सत्तारूढ़ राजनीतिक दल के कुछ सदस्यों ने याचिकाकर्ता को दिल्ली आबकारी नीति से जोड़ते हुए निंदनीय बयान दिए हैं।"

इसके साथ ही के कविता ने मामले में ईडी पर बेहद शर्मनाक तरीके से काम करने और केंद्र में सत्ताधारी पार्टी के सदस्यों के इशारे पर गई बड़ी साजिश के तहत काम करने का आरोप लगाया है। इसके साख ही कविता ने दावा किया था कि ईडी उन्हें और उनके परिवार के सदस्यों को गिरफ्तार करने की धमकी देकर अन्य गवाहों से झूठे बयान ले रही है।

कविता ने अपनी याचिका में कहा था कि उसके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय की ओर से की जा रही जांच केवल सत्ताधारी राजनीतिक दल के इशारे पर हो रहा है और यह ऐसा है कि प्रवर्तन निदेशालय पानी में मछली पकड़ने की कोशिश कर रही हो।" इसने आगे वो कहती हैं कि ईडी ने उन्हें दिल्ली स्थित अपने कार्यालयों में पेश होने के लिए बुलाया। एजेंसी ने उन्हें फोन पेश करने के लिए कहा और बिना किसी लिखित आदेश के उनका फोन जब्त कर लिया।

याचिका में कविता ने दावा किया था कि ईडी उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूर करेगी क्योंकि उसके खिलाफ कोई उसके पास कोई साक्ष्य नहीं है। ईडी की एकमात्र उद्देश्य है कि वह कुछ व्यक्तियों के कुछ बयानों के आधार पर वो उन्हें किसी भी तरह से फंसाना चाहती है।

वहीं मामले में ईडी का आरोप है कि कविता ने घोटाले में शामिल एक शराब फर्म इंडोस्पिराइटिस में बेनामी निवेश किया है। इसके साथ ही ईडी का यह भी कहना है कि अरुण रामचंद्रन पिल्लई इंडोस्पिरिट्स में कविता का प्रतिनिधित्व करते हैं। जांच एजेंसियों का मानना है कि कविता शराब की दक्षिण लॉबी में शामिल हैं। दक्षिण की उन कंपनियों ने दिल्ली में कार्टेल बनाने और खुदरा दुकानों को नियंत्रित करने के लिए आप सरकार को रिश्वत दी ताकि उनके पक्ष में आबकारी नीति तैयार की जा सके।

Web Title: Supreme Court refuses to grant relief to K Kavita in Delhi excise case

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