मंत्री की बेटी को सुप्रीम कोर्ट ने दी राहत, कहा- जहां चाहे रह सकती है, माता-पिता, पति या सास-ससुर नहीं कर सकते जबरदस्ती
By स्वाति सिंह | Published: May 8, 2018 01:30 PM2018-05-08T13:30:17+5:302018-05-08T13:51:39+5:30
लड़की ने आरोप लगाया था कि उसके माता-पिता जबरन उसकी शादी कराई है। लड़की ने पुलिस से अपने सुरक्षा प्रदान करने के लिए कहा था, उसने दावा किया था कि उसकी जान को खतरा है।
नई दिल्ली, 8 मई: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कर्नाटक के राजनेता की 26 वर्षीय बेटी को अपनी शादी रद्द करने की इजाजत दे दी। लड़की ने आरोप लगाया था कि उसके माता-पिता जबरन उसकी शादी कराई है। लड़की ने पुलिस से अपने सुरक्षा प्रदान करने के लिए कहा था, उसने दावा किया था कि उसकी जान को खतरा है।
महिला पेशे से एक कंप्यूटर इंजीनियर है, याचिका में उसने अपना नाम मिस 'एक्स' से दायर किया है। उसने शादी रद्द करने का अनुरोध किया था। इसके साथ ही उसका कहना था कि यह शादी उसकी मर्जी के बिना की गई है। इस केस की सुनवाई चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस डीवाई चन्द्रचूड की तीन सदस्यीय खंडपीठ के समक्ष हुई।
महिला ने पीठ के समक्ष अनुरोध किया कि वह बेंगलुरु में अपनी नौकरी के साथ अपनी आगे की पढ़ाई करना चाहती है। इसपर पीठ ने महिला का बचाव करते हुए कहा कि यह पहले ही साफ़ हो चुका है कि महिला की शादी हिंदू विवाह कानून के प्रावधानों की संवैधानिकता के खिलाफ हुई है। पीठ ने कहा वह 'जबरन शादी' की वैधता पर विचार नहीं करेगी। इसके साथ ही पीठ ने महिला को पुलिस सुरक्षा भी दी है।
पीठ ने याचिका की सुनवाई करते हुए कलह कि वह बालिग है, और जहां चाहे जा सकती है। इसके लिए उसके पति, उसके माता-पिता यह घर का कोई भी सदस्य उसे नहीं रोक सकता और ना ही उसे धमका सकते हैं। महिला ने अपने वकील से अनुरोध किया था कि उसकी पहचान को गोपनीय रखा जाए। फैसले के बाद पीठ ने पुलिस और महिला आयोग को उसे सुरक्षा देने की जिम्मेदारी सौपीं है। इसके साथ ही उसे कर्नाटक वापस भेज रही है।